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पुलिस शस्त्रागार से हजार हथियार गोलियों की लूट

  •  मरनेवालों के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा

  • गृह मंत्री ने की कई दौर की सुरक्षा बैठकें

  • फिर भाजपा विधायक के घर पर हुआ हमला

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी:  मणिपुर में हिंसा पर काबू पाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद डेरा डाल दिया है। राज्य के चार दिवसीय दौरे पर सोमवार को पहुंचे अमित शाह ने विभिन्न दलों के नेताऔर प्रतिनिधियों से मुलाकात की। मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री मणिपुर की राजधानी इंफाल में महिलाओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की।

उसके अलावा उन्होंने विभिन्न नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों से बात की और शांति बहाली के उपायों पर चर्चा की। उधर केन्द्र सरकार ने मणिपुर हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने का एलान किया है।ताजा हिंसा के बाद इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट के जिलों में कर्फ्यू के समय को बढ़ा दिया गया है।

पहले इसमे सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक की ढील दी गई थी, लेकिन इसे कम करके सुबह 11.30 कर दिया गया है। बिष्णुपुर में कर्फ्यू सुबह 5 से दोपहर 2 बजे तक था, जिसे कम करके दोपहर 12 कर दिया गया। कर्फ्यू में ढील के दौरान बाजारों में काफी भीड़ देखी गई और लोग जरुरत की चीजें खरीदते दिखे।

गृह मंत्री ने कई दौर की सुरक्षा बैठकें की हैं। उन्होंने राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। शाह ने स्थिति का आकलन करने और क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आगे के कदमों की योजना बनाने के लिए यहां मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, राज्य के मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन डेका उच्च स्तरीय बैठक में उपस्थित थे। मणिपुर में एक जून तक रहने के दौरान गृह मंत्री कई दौर की सुरक्षा बैठकें करेंगे।  मणिपुर राइफल्स और इंडिया रिजर्व बटालियन के शस्त्रागार से एक मणिपुर पुलिस अधिकारी सहित 10 लोगों की हत्या कर दी गई, एक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक के घर में तोड़फोड़ की गई और 1,000 से अधिक हथियार और गोला-बारूद लूट लिए गए।

अमित शाह के प्रयासों का असर दिख रहा है। इंफाल घाटी स्थित नागरिक समाज संगठन, मणिपुर इंटीग्रिटी समन्वय समिति ने अमित शाह का स्वागत करते हुए कहा कि मणिपुर के लोग शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उनकी ओर देख रहे हैं। वहीं यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन ने भी हालात में सुधार का भरोसा जताया है।

खुफिया अधिकारी ने गृहमंत्री को बताई रिपोर्ट में कहा है कि अभी जिस तरह का माहौल बनाया गया है, चरमपंथी इस टकराव में उतर आए हैं। संघर्ष विराम का हिस्सा रहे कुकी चरमपंथी नेता इस हिंसा में शामिल होने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन वे काफी आक्रामक हो गए हैं।

ऐसे में केंद्र सरकार की भूमिका काफी अहम हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि मुआवजे की राशि केंद्र और राज्य द्वारा समान रूप से वहन की जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के बीच सोमवार देर रात हुई बैठक में यह फैसला किया गया।

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