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आदिवासी आंदोलन के दौरान पूर्वोत्तर में भीषण हिंसा

  • कई इलाकों में कर्फ्यू, इंटरनेट बंद

  • महिला खिलाड़ी की मोदी से गुहार

  • दो को गोली लगी 32 अन्य लोग घायल

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी: भारत का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर इस समय जल उठा है। क्योंकि इस राज्य में मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में छात्रों के एक संगठन ने 3 मई को आधी रात तक विरोध प्रदर्शन किया था।

मणिपुर के कांगपोकपी जिले के साईकुल में तीन मई की मध्यरात्रि को करीब 32 नागरिकों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है जबकि दो अन्य ने दम तोड़ दिया।इस आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा भड़क उठी जिसके बाद कई जिलों में कर्फ्यू लगाया गया।

चुराचंदपुर जिले में झड़प के बाद 3 मई को आधी रात तक सांप्रदायिक तनाव भड़कने के बाद मणिपुर की राज्य पुलिस के साथ सेना ने राज्य में तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया। चुराचंदपुर जिले में झड़प के बाद 3 मई को सांप्रदायिक तनाव भड़कने के बाद मणिपुर की राज्य पुलिस के साथ सेना ने आज सुबह 4 बजे राज्य में तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया।

अनुसूचित जनजाति के दर्जे पर अदालती आदेश को लेकर आदिवासी समूहों के विरोध के बीच हिंसा प्रभावित इलाकों में सेना फ्लैग मार्च कर रही है।पूरे मणिपुर में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। भारतीय महिला बॉक्सर मैरी कॉम ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी।

बॉक्सर मैरी कॉम ने देर रात करीब पौने तीन बजे ट्वीट कर लिखा, “मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है। कृपया मदद कीजिए। उन्होंने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को टैग करते हुए मणिपुर में आगजनी की फोटो शेयर की हैं।

राज्य सरकार की ओर से 3 मई की रात को सेना और सशस्त्र बलों की मदद मांगी गई थी, जिसके बाद सेना ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर देर रात स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया और सुबह तक हिंसा पर काबू पा लिया ।

अलग-अलग जिलों में करीब चार हजार ग्रामीणों को सेना, सशस्त्र बलों और राज्य सरकार के परिसरों में आश्रय दिया गया। वहीं प्रदर्शन को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है। बता दें कि बीते बुधवार को मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से मार्च बुलाया गया था।

इसी मार्च के दौरान चुराचांदपुर में हिंसा भड़क गई थी।पुलिस के मुताबिक इस रैली में हजारों प्रदर्शनकारी शामिल हुए।इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा की खबरें आईं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए।

अधिकारी के मुताबिक, इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर के अलावा आदिवासी बहुल चुराचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके साथ ही पूरे राज्य में इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया।

छात्र संगठन ने कहा है कि राज्य के नेता खुले तौर पर मैतेई की मांग का समर्थन कर रहे हैं और आदिवासी हितों की सामूहिक रूप से रक्षा करनी चाहिए. मैतेई समुदाय मणिपुर के पहाड़ी जिलों में रहता है।  समुदाय की ओर से दावा किया गया है कि म्यांमार और बांग्लादेशियों के बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवासन के चलते उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।  एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि मौजूदा कानून और व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर मणिपुर सरकार ने 3 मई को राज्य के आठ जिलों में धारा 144 सीआरपीसी लगा दी।

जिन जिलों में धारा 144 सीआरपीसी लगाई गई है वे हैं बिष्णुपुर, फेरज़ावल, जिरिबाम, पश्चिमी इंफाल, थौबल, टेंग्नौपाल, काकचिंग और कांगपोकपी।आज सुबह मणिपुर के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्रालय अपनी नजर बनाए हुए है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के ताजा हालात की जानकारी लेने के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से बात की है।

अमित शाह ने आज  मुख्यमंत्री से बात कर मणिपुर की स्थिति का जायजा लिया।सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार की तरफ से रैपिड एक्शन फोर्स की अतिरिक्त कंपनियों को राज्य में भेजा गया है। हिंडन एयर बेस से रैपिड एक्शन फोर्स के अतिरिक्त जवान वहां भेजे गए हैं। इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि राज्य में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात हैं, जिसमें असम राइफल्स, केंद्रीय पुलिस बल और सेना के जवान भी शामिल हैं। बताया गया है कि राज्य में सुरक्षा और सामान्य स्थिति बनाने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं।

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