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मणिपुर में लगातार दूसरे दिन हिंसा जारी

  • सतर्कता के लिए धारा 144 लागू की गयी है

  • उग्र भीड़ पर पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं

  • बढ़ती हिंसा देखकर पांच दिनों के लिए इंटरनेट बंद

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी:मणिपुर के चुराचांदपुर में शुक्रवार को फिर से हिंसा हुई। धारा 144 के बावजूद प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए। जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े।शुक्रवार को चुराचांदपुर जिले के न्यू लमका में सद्भावना मंडप में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं, जहां मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह एक जनसभा को संबोधित करने वाले थे।

महानिरीक्षक व छात्रसंघ नेता के बीच समझौता होने के बाद भी चुराचांदपुर कस्बे में तनाव बना हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार स्वदेशी जनजातीय नेता मंच द्वारा धरना वापस लेने पर सहमति जताए जाने के बावजूद जिला मुख्यालय से पुलिस कमांडो बलों की वापसी नहीं होने को लेकर लोगों में आक्रोश है।

शुक्रवार रात को प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए और कुछ वाहनों में आग लगा दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं। गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि शांति और व्यवस्था में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए अगले पांच दिनों के लिए चुराचांदपुर और फिरजावल जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाएगा।

मणिपुर में भड़की इस हिंसा की वजह राज्य सरकार का आरक्षित और संरक्षित वन में कराया गया सर्वे है। इस सर्वे के मुताबिक, कुछ चर्च अवैध पाए गए जिन्हें गिराने के आदेश दिए गए थे। इस सर्वे पर सबसे ज्यादा नाराजगी स्वदेशी जनजातीय नेताओं के मंच ने जताई थी। और उन्होंने ही हिंसा की।

मणिपुर सरकार ने अवैध निर्माण के आरोप में 11 अप्रैल को पूर्वी इंफाल में तीन चर्चों को गिरा दिया था। इनमें इवेंजेलिकल बैपटिस्ट कन्वेंशन चर्च, इवेंजेलिकल लूथरन चर्च और कैथोलिक होली स्पिरिट चर्च शामिल था। चर्च गिराए जाने के आदेश के खिलाफ मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई गई थी, लेकिन कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया था। चर्च कोर्ट में यह साबित करने में असफल रहे थे कि उन्होंने निर्माण के लिए प्रशासन से मंजूरी ली थी।कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर के चुराचांदपुर क्षेत्र को युद्ध क्षेत्र में तब्दील करने वाली दुर्भाग्यपूर्ण हिंसक घटना पर ध्यान नहीं देने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

मौजूदा स्थिति के लिए मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘जहां पूरी टीम मोदी कर्नाटक पर केंद्रित है, वहीं मणिपुर का चुराचंदपुर राज्य में भाजपा को निर्णायक बहुमत मिलने के एक साल बाद ही लगभग युद्ध क्षेत्र में बदल गया है. वहां का डबल इंजन उड़ रहा है!

न तो केंद्र सरकार और न ही राष्ट्रीय मीडिया को इसकी परवाह है। यह टिप्पणी दो दिन पहले मणिपुर में हुई सिलसिलेवार हिंसा के बाद आई है, जिसने शहर में और अधिक संघर्ष और अराजकता पैदा कर दी है, जो पड़ोसी जिले कांगपोकपी में फैल गई है।चूड़ाचंदपुर जिले में आंदोलनकारी भीड़ और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा रात भर झड़पों, अराजकता और गोलीबारी के बाद असहज शांति छायी रही।

तुइबोंग बाजार इलाके में कल रात उग्र भीड़ जमा हो गई और हर इलाके में अपनी आवाज बुलंद करने के लिए सड़कों पर टायर जलाने और बिजली के खंभे बजाने लगे। सीलमत ब्रिज पर पुलिस और स्थानीय भीड़ के बीच हाथापाई हुई, जिससे पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति बढ़ गई।

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