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पदक विजेता पहलवान जंतर मंतर के अखाड़े में

  • सरकार के आश्वासन पर पहला धरना छोड़ा था

  • अब अनुराग ठाकुर भी मिलना नहीं चाहते हैं

  • तमाम अफसर फोन तक नहीं उठा रहे हैं

राष्ट्रीय खबर

नई दिल्ली: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस साल की शुरुआत में देश के बड़े-बड़े पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के मुखिया बृजभूषण सरन सिंह के खिलाफ धरना शुरू कर दिया था। दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों के विरोध के बाद ही केंद्र ने हस्तक्षेप किया और जांच का आश्वासन दिया।

केंद्र से जांच का आश्वासन मिलने पर पहलवानों ने धरना समाप्त किया। लेकिन कुछ महीने बाद ही पहलवान एक बार फिर विरोध में बैठ गए। रविवार से दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों ने फिर से धरना देना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि कुछ महिला पहलवानों ने दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण सरन सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की ताजा शिकायत दर्ज कराई है।

पुलिस के मुताबिक सात महिला पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के प्रमुख पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है लेकिन अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है। पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, हम सरकार द्वारा बनाए गए पैनल से परेशान हैं। अभी तक उन्होंने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। हम उस रिपोर्ट को देखना चाहेंगे जिसमें महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए गए हैं। यह बेहद अहम और संवेदनशील मामला है। शिकायतकर्ताओं में एक नाबालिग भी है।

एक अन्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा, जब तक बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया जाता, हम विरोध जारी रखेंगे। पहलवान विनेश फोगाट ने भी कहा, इस संबंध में सरकार से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। जब तक हमें न्याय नहीं मिल जाता, हम यहीं (यंतर मंत्र) रहेंगे। यहाँ खाओ, यहाँ सोओ। हम पिछले तीन महीने से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और प्राधिकरण के अन्य अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन समिति के सदस्य हमें कोई जवाब नहीं दे रहे हैं, फोन भी नहीं उठा रहे हैं। हमने देश के लिए मेडल जीते हैं। न्याय पाने की उम्मीद में आज हमने अपना करियर दांव पर लगा दिया है।

गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता पहलवान विनेश फोगाट ने सबसे पहले महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सरन सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अन्य पहलवानों ने भी इस दावे का समर्थन किया।

पिछले 18 जनवरी से उन्होंने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देना शुरू कर दिया था। बाद में केंद्र के आश्वासन पर धरना हटाया गया। पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय ने मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया। कमेटी को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था।

बाद में रिपोर्ट जमा करने की तारीख दो सप्ताह के लिए टाल दी गई और पहलवान बबीता फोगट को पैनल के छठे सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। जांच पैनल ने इस साल अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन सरकार ने अभी तक उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है।

दूसरी ओर, एक सूत्र के अनुसार, पहलवान महासंघ के प्रमुख पर लगाए गए आरोपों को साबित नहीं कर सके। इस बीच जंतर मंतर से यह शिकायत भी आने लगी है कि धरना दे रहे पहलवानों को तैनात पुलिस पानी लाने तक नहीं जाने दे रही है। इससे मामला और गरमाता जा रहा है।

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