केप टाउनः दक्षिण अफ्रीका के जंगलों में अवैध शिकारियों को रोकने के लिए अब नई विधि आजमायी जा रही है। अब अवैध शिकरियों के सबसे प्रमुख लक्ष्य राइनो हैं। वेल्स में प्रशिक्षित एक कुत्ता इसमें जंगली जानवरों की मददगार बन रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक इस कुत्ते ने पिछले 18 महीने के गैंडे को बचाने में मदद की।
डैन, एक वर्षीय बेल्जियन मैलिनोइस प्रजाति का कुत्ता है। इसे खास तौर पर पाला और प्रशिक्षित किया गया था। पिछले हफ्ते डैन को राइनो बछड़ा वियोला मिला, जो क्वाज़ुलु-नटाल प्रांत में अपनी मां के साथ एक जाल में फंस गया था। कुत्ते ने विभागीय लोगों को इसकी सूचना दी। जिससे मां औ बच्चे की जान बच गई।
डॉग्स 4 वाइल्डलाइफ के निदेशक जैकी लॉ ने कहा कि जमीनी स्तर पर टीमों के परिश्रम ने इस अच्छे परिणाम को सुनिश्चित किया। डॉग्स 4 वाइल्डलाइफ पूरे अफ्रीका में लुप्तप्राय वन्यजीवों की रक्षा के लिए अवैध शिकार विरोधी इकाइयों के लिए प्रशिक्षित कुत्तों को प्रदान करता है। सुश्री लॉ ने कहा कि यह घटना क्वाज़ुलु नटाल में होने वाले स्नेयर अवैध शिकार की कई दिल दहला देने वाली घटनाओं में से एक है।
उसने कहा अवैध शिकार इस बात पर भेदभाव नहीं करता है कि यह किस प्रजाति के जानवरों को घायल करता है या मारता है। ये लोग अपने फायदे के लिए वन्यजीवों को पकड़ते हैं या मार डालते हैं। क्वाज़ुलु नेटाल में काले और सफेद राइनो दोनों की शेष दुनिया की आबादी का 25% हिस्सा है, जो इसे शिकारियों के लिए एक लक्ष्य बनाता है क्योंकि संख्या कहीं और कम हो गई है।
प्रोजेक्ट राइनो के कैनाइन प्रोजेक्ट मैनेजर जूनियर ब्लॉम ने कहा कि हम इस बात से बहुत खुश हैं कि गैंडों के अवैध शिकार की इस कोशिश का सकारात्मक परिणाम आया है। गैंडे के अवैध शिकार के साथ इस जंगल में अवैध शिकार और बढ़ी हुई घटनाएं नुकसान वाली रही हैं।
इसी तरह वेल्स में प्रशिक्षित एक और कुत्ता अंडों, चूजों और वयस्क पक्षियों का शिकार करने वाले चूहों को सूंघकर वेल्स के समुद्री पक्षियों की रक्षा करता है। इस कुत्ते का नाम जिंक्स है। उसकी उम्र तीन साल है। वह ब्रिटेन का पहला संरक्षण खोजी कुत्ता कहा जाता है। वह दो साल से आरएसपीबी के साथ प्रशिक्षण ले रहा है और वेल्स के आसपास के द्वीपों पर भूरे चूहों को सूंघने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।