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नईदिल्लीः इनदिनों बिहार में अपनी यात्रा कर रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी राहुल गांधी को एक मानहानि के मामले में दो साल की सजा दिये जाने का विरोध किया है। प्रशांत किशोर की टिप्पणियों को तब से गंभीरता से लिया जाने लगा है जब उन्होंने पश्चिम बंगाल में भाजपा को दहाई अंकों से आगे की सफलता नहीं मिलने की बात कही थी।
उस वक्त मुख्य धारा की मीडिया भाजपा की आंधी चलने की दावेदारी कर रहा था। चुनाव परिणाम घोषित हुए तो प्रशांत किशोर की बात सही निकली। वैसे उसके बाद प्रशांत किशोर, जिन्हें अब पीके कहा जाता है ने कांग्रेस के नेताओं से भी बात की थी पर बात बनी नहीं।
अब पीके ने राहुल गांधी की 2019 मोदी पदनाम टिप्पणी के लिए 2 साल की जेल की सजा को अत्यधिक बताकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। 2024 के लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं तो प्रशांत किशोर की यह टिप्पणी आई। प्रशांत किशोर ने अभी-अभी अपने वतन बिहार से पदयात्रा शुरू की है।
वहां उन्होंने राहुल की हालिया स्थिति के राजनीतिक निहितार्थ पर टिप्पणी की। इस पोलस्टर के अनुसार, सदियों पुरानी पार्टी कांग्रेस यह संदेश देने के लिए सुसज्जित नहीं है कि राहुल के साथ जो हुआ वह देश के हर कोने में अत्यधिक है।
प्रशांत किशोर कहते हैं, मैं राजनीतिक विशेषज्ञ नहीं हूं। लेकिन मैं कानून की प्रक्रिया का सम्मान करता हूं। राहुल को दी गई सजा थोड़ी ज्यादा है। कई लोग चुनाव की गर्मी में कई बातें कहते हैं। यह न तो पहला अध्याय है और न ही अंतिम अध्याय। प्रशांत किशोर कहते हैं, मानहानि के मामले में 2 साल की जेल की सजा थोड़ी ज्यादा लगती है।
इस मामले में वे दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद दिलाते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा, ‘मैं केंद्र सरकार को अटल बिहारी वाजपेयी की याद दिलाना चाहता हूं, उन्होंने कहा, छोटा दिमाग होने से कोई बड़ा नहीं हो सकता। प्रशांत किशोर भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हैं और कह रहे हैं।
उन्होंने कहा आज भाजपा सत्ता में है, इस बार बड़ा दिल दिखाने की जिम्मेदारी उनकी थी। उन्हें कुछ दिन इंतजार करना चाहिए था। गौरतलब है कि प्रशांत किशोर पहली बार 2014 में नरेंद्र मोदी के चुनाव विशेषज्ञ के रूप में सुर्खियों में आए थे। उसके बाद वह देश के कई नेताओं के साथ काम कर चुके हैं।