मुंबईः जी एंटरटेनमेंट के खिलाफ ऋण शोधन अक्षमता प्रक्रिया शुरू करने की याचिका स्वीकार होने के एक दिन बाद कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी पुनीत गोयनका ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील न्यायाधिकरण से राहत के लिए गुहार लगाई है।
गुरुवार को गोयनका के कार्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि वह (गोयनका) जी एंटरटेनमेंट के हिस्सेधारकों के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। बयान में कहा गया कि कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (पहले सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) के साथ प्रस्तावित विलय को जल्द से जल्द पूरा किए जाने का प्रयास हो रहा है।
बयान में कहा गया, ‘जी कर्जमुक्त और वित्तीय रूप से मजबूत कंपनी है। कंपनी अपने अंशधारकों के हितों के लिए सदैव काम करती रहती है। बुधवार को एक आदेश में ने इससे पहले इंडसइंड बैंक ने जी को निगमित ऋण शोधन अक्षमता प्रक्रिया में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायधिकरण में याचिका दायर की थी। बुधवार को एनसीएलएटी ने यह याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।
इंडसइंड बैंक इस जी कंपनी का वित्तीय ऋणदाता है। एनसीएलएटी ने संजीव कुमार जालान को कंपनी का अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त कर दिया था। इंडसइंड बैंक ने अपनी याचिका में जी पर 83 करोड़ रुपये भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है।
एनसीएलएटी ने एस्सेल ग्रुप की सिटी नेटवर्क्स के खिलाफ दायर इंडसइंड बैंक का याचिका भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली। बुधवार को ही एनसीएलएटी ने रोहित मेहरा को कंपनी के लिए समाधान पेशेवर नियुक्त कर दिया। बुधवार को हुए घटनाक्रम के एक दिन बाद जी का शेयर बीएसई पर गुरुवार को कारोबार के दौरान 14 प्रतिशत तक लुढ़क गया।
कारोबार समाप्त होने पर कंपनी को शेयर 198.75 रुपये पर बंद हुआ। इस तरह पिछले कारोबारी सत्र की तुलना में शेयर 3.75 प्रतिशत टूट गया। कानून के जानकारों का कहना है कि जी के खिलाफ ऋण शोधन अक्षमता प्रक्रिया शुरू करने संबंधा याचिका स्वीकार होने के बाद सोनी के साथ प्रस्तावित विलय में देरी हो सकती है।
मुंबई स्थित विधि कंपनी पायनीयर लीगल में मैनेजिंग पार्टनर सतीश कृष्णचंदानी का कहना है कि सोनी के साथ विलय में कम से कम 3 से 6 महीने की देरी हो सकती है। कृष्णचंदानी ने कहा कि विलय पर एनसीएलएटी की मुहर लगने से पहले नए विवाद का समाधान होना जरूरी है।
चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में जी का शुद्ध मुनाफा 24.3 करोड़ रुपये रहा था और राजस्व का आंकड़ा 2,111.2 करोड़ रुपये रहा था। इस वर्ष के पहले नौ महीने की अवधि में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 243.81 करोड़ रुपये रहा। इसी अवधि के दौरान कंपनी ने 5,985.31 करोड़ रुपये राजस्व हासिल किया।