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टाईमस्टैंप स्पाईवेयर इंस्टाल किया गया था
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आफिस का काम किये बिना वेतन लेती थी
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अदालत ने कहा कंपनी को ही हर्जाना भरे
लंदनः कोरोना के दौरान अधिकांश कर्मचारियों को पहले लॉकडाउन के दौरान से ही वर्क फ्रॉम होम का निर्देश दिया गया था। इसके तहत ऐसे कर्मचारी ऑफिस से प्राप्त कंप्यूटरों पर बैठकर अपने अपने घरों से काम किया करते थे। इस मामले में धोखाधड़ी करने में ब्रिटिश कोलंबिया की एक महिला पकड़ी गयी है।
पूरा मामला सामने आने के बाद अब दूसरी कंपनियां भी अपने कंप्यूटरों पर इस जासूसी का इस्तेमाल करने लगे हैं। इसका मकसद अपने कर्मचारी को उनके वेतन के समय पर दूसरा काम करने से रोकना है। इसके बाद भी अगर कोई यह नियम तोड़ता है तो उसे बाहर का रास्ता दिखा देना है।
ब्रिटिश कोलंबिया में जो महिला कर्मचारी इस कंप्यूटर की जासूसी की भेंट चढ़ी हैं, उसका नाम कार्ली बेस है। वह एक कंपनी में लेखा परीक्षक का काम करती थी। कोरोना लॉकडाउन के दौरान ऑफिस ने उन्हें कंपनी के लैपटॉप से वर्क फ्रॉम होम की सुविधा प्रदान की थी। उस महिला को पता चल कि अचानक एक दिन उसे नौकरी से निकाल दिया गया है।
इसके अलावा उसे वेतन भी नहीं दिया गया है। इसके बाद महिला ने कंपनी के खिलाफ एक मामला दायर किया। मामला दायर होते ही कंपनी ने उसकी गड़बड़ियों का पूरा राज ही खोल दिया। दरअसल उसे लैपटॉप देते वक्त उसमें टाईमस्टैंप नामक एक स्पाई साफ्टवेयर लगाया गया था।
इसके जरिए वह क्या काम कर रही हैं, उसकी जानकारी कंपनी को मिलती थी। पता चला है कि कंपनी के काम में लॉग इन करने के बाद वह अपने दूसरे कार्यों को निपटाने लगती थी। ऐसे कई महीनों तक चलता रहा और इस बीच वह कंपनी से हर माह वेतन भी लेती रही।
जब उसने मामला दायर कर पांच हजार डॉलर का हर्जाना मांगा तब कंपनी ने इस स्पाई वेयर के जरिए उसकी करतूतों को अदालत के सामने रख दिया। वैज्ञानिक तौर पर यह प्रमाणित सत्य होने की वजह से अदालत ने अब उस महिला कर्मचारी को ही पांच हजार डॉलर कंपनी को देने का निर्देश दिया है।
दरअसल कंपनी के रिकार्ड में खुद को पचास घंटे तक सक्रिय रखने के बाद भी वह इस दौरान क्या क्या दूसरे काम करती रही, उसका विवरण इस टाईमस्टैंप साफ्टवेयर ने रिकार्ड किया था।