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आगामी 30 जनवरी को श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने का कार्यक्रम

  • समापन समारोह के बहाने राजनीति की नई शुरुआत

  • पाटी के अध्यक्ष खडगे ने खुद भेजा है सभी को पत्र

  • डॉ फारुख अब्दुल्ला और एमके स्टालिन हुए हैं शामिल

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा आगामी तीस जनवरी को श्रीनगर के लाल चौक पर समाप्त होगी। इस मौके पर कांग्रेस की तरफ से शिवसेना, आरजेडी, जेडीयू, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस, तेलगु देशम, भारत राष्ट्र समिति, समाजवादी पार्टी, बसपा सहित कुल 21 दलों को निमंत्रण भेजा गया है। इस सूची में अकेले आम आदमी पार्टी को बुलाया नहीं गया है।

वैसे इसमें कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद को भी न्योता नहीं दिया गया है। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर इस समारोह तथा इसमें शिरकत करने के लिए तमाम भाजपा विरोधी दलों क आमंत्रण देने की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि महात्मा गांधी की पुण्यथिति पर भारत जोड़ो यात्रा की समाप्ति होगी। इसी वजह से समान विचारधारा वाले तमाम दलों क इस समारोह में आमंत्रित किया गया है।

सभी दलों के अध्यक्षों को यह पत्र कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे की तरफ से भेजा गया है। इसके पहले भी कई राजनीतिक दलों ने इस यात्रा की तारीफ की है। शिवसेना, डीएमके जैसे कुछ दल औपचारिक तौर पर इसमें शामिल भी हो चुके हैं। उत्तरप्रदेश में यात्रा चलने के दौरान सपा, बसपा और रालोद को भी बुलाया गया था। इन तीन दलों के प्रमुख इसमें शामिल नहीं हुए। सिर्फ औपचारिक तौर पर राष्ट्रीय लोक दल के प्रतिनिधियों ने राहुल की यात्रा में भाग लिया।

हरियाणा में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा इस यात्रा को समर्थन देने तथा राहुल गांधी के साथ किसान नेताओं की चर्चा के बाद राजनीतिक समीकरण भी बदल गये हैं। खुद पार्टी के अध्यक्ष श्री खडगे ने कहा कि तीस जनवरी को भाजपा विरोधी सभी दलों के प्रमुक लोगों को बुलाया गया है।

कांग्रेस के मुताबिक जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी इसमें शामिल होंगी। जबकि फारूख अब्दुल्ला पहले ही इसमें शामिल हो चुके हैं। चर्चा है कि कश्मीर के लोकप्रिय वामपंथी नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी भी इसमें भाग लेंगे। केरल में वाम दलों ने इस यात्रा में भाग नहीं लिया था।

देश के 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों से साढ़े तीन हजार किलोमीटर पैदल चलने वाली इस यात्रा के समापन समारोह को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियो में कश्मीर कांग्रेस के नेता भी जुटे हुए हैं जबकि हाल ही में गुलाम नबी आजाद के साथ पार्टी छोड़ने वाले 12 नेता अब कांग्रेस में वापस लौट आये हैं।

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