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अरुणाचल में चीन सीमा के अंतिम गांव पहुंचे मुख्यमंत्री पेमा खांडू

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी:  भारतीय वायु सेना पूर्वोत्तर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ चीनी ड्रोन गतिविधियों की बारीकी से निगरानी कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां चीनी ड्रोन ने पूर्वोत्तर में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की।रक्षा सूत्रों ने बताया कि  भारतीय वायु सेना पूर्वोत्तर में अपने मजबूत रडार नेटवर्क के साथ उड़ान गतिविधियों पर कड़ी नजर रखती है। सूत्रों ने आगे कहा कि आम तौर पर स्थिति शांतिपूर्ण होती है लेकिन हाल के दिनों में ऐसे मौके आए हैं जब चीनी ड्रोन ने अपनी तरफ से एलएसी की ओर उड़ान भरी है और भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों को हमारे फ्रंटलाइन एयरबेस से एसयू30 एमकेआईएस सहित खदेड़ना पड़ा।

उन्होंने कहा कि कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि ड्रोन या किसी भी विमान को हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। विशेष रूप से भारतीय वायु सेना  की एसयू30  लड़ाकू जेट स्क्वाड्रनों के साथ पूर्वोत्तर में एक मजबूत उपस्थिति है।

एसयू30  स्क्वाड्रन को असम के तेजपुर और छाबड़ा वायु सेना स्टेशनों पर तैनात किया गया है। इसके अलावा राफेल लड़ाकू विमानों को पश्चिम बंगाल में हाशिमारा के बेहद करीब भी तैनात किया गया है।

दूसरी ओर,अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सीमांत राज्य के कुरुंग कुमे जिले में भारत के अंतिम गांव दामिन का दौरा किया है। यहां पहुंचने वाले पेमा खांडु पहले मुख्यमंत्री बने। अब तक सड़कों की खस्ता हालात के चलते यहां तक पहुंच पाना बहुत मुश्किल था। इस दौरान उन्होंने कई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस यात्रा में उन्होंने बीआरओ द्वारा बनाई गईं सड़कों का भी निरीक्षण किया।अपनी यात्रा के दौरान ग्रामीणों को भारत-चीन सीमा से लगे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस यात्रा में उनके साथ अरुणाचल प्रदेश के गृह मंत्री बयाबांग फेलिक्स और स्थानीय विधायक लोकम तस्सर भी थे। पेमा खांडू देश के इस आखिरी सर्किल में जाने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं।

दामिन सर्किल खराब सड़क की स्थिति के कारण मोबाइल नेटवर्क कवरेज और उचित परिवहन सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। मुख्यमंत्री ने स्थानीय विधायक लोकम तस्सर को दामिन सर्किल के उन्नयन की आधिकारिक सूचना एडीसी मुख्यालय को भी सौंपी।

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