Breaking News in Hindi

अकेला देश साइबर खतरों को नहीं टाल सकताः मोदी

डिजिटल टेक्नोलॉजी के लिए वैश्विक गाइडलाइंस का आह्वान

  • इसके लिए वैश्विक सहमति जरूरी है

  • अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने अपील

  • भारतीय इंटरनेट का महत्व बताया

राष्ट्रीय खबर

नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंटरनेशनल टेलीकॉम यूनियन (आईटीयू) की विश्व टेलीकॉम मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) 2024 में डिजिटल टेक्नोलॉजी के ग्लोबल फ्रेमवर्क का ग्लोबल गाइडलाइंस बनाने का मंगलवार को आह्वान करते हुये कहा कि अब समय आ गया है कि वैश्विक संस्थान को ग्लोबल गवर्नेंस के लिए इसके महत्व को स्वीकारना होगा और टेक्नोलॉजी के लिए वैश्विक स्तर पर क्या करें और क्या न करें की सूची बनानी होगी।

उन्होंने कहा मैं डब्ल्यूटीएसए से जुड़े हर सदस्य से कहूंगा कि वो इस दिशा में सोचें कि कैसे दूरसंचार को सभी के लिए सुरक्षित बनाया जाए। इस इंटरकनेक्टेड दुनिया में सुरक्षा किसी भी तरह से बाद में सोचने वाली वस्तु नहीं हो सकती। भारत के डेटा सुरक्षा कानून और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति , एक सुरक्षित डिजिटल ईकोसिस्टम बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। मैं इस असेंबली के सदस्यों से कहूंगा, आप ऐसे मानक बनाएं, जो समग्र हों, सुरक्षित हों और भविष्य के हर चैलेंज को निपटने में सक्षम हो। आप एथिकल एआई और डेटा प्राइवेसी के ऐसे वैश्विक मानक बनाएं, जो अलग-अलग देशों की विविधता का भी सम्मान करें।

श्री मोदी ने कहा आज भारत गुणवत्ता सेवाओं पर बहुत ज्यादा फोकस कर रहा है। हम अपने मानकों पर भी विशेष बल दे रहे हैं। डब्ल्यूटीएसए और आईएमसी की ये साझेदारी भी एक प्रेरक और शानदार मैसेज है। जब लोकल और ग्लोबल का मेल होता है, तब न केवल एक देश बल्कि पूरी दुनिया को इसका लाभ मिलता है और यही हमारा लक्ष्य है।

21वीं सदी में भारत की मोबाइल और टेलीकॉम यात्रा पूरे विश्व के लिए स्टडी का विषय है। दुनिया में मोबाइल और टेलीकॉम को एक सुविधा के रूप में देखा गया। लेकिन भारत का मॉडल कुछ अलग रहा है। भारत में हमने टेलीकॉम को सिर्फ कनेक्टिविटी का नहीं, बल्कि समानता और संभावनाओं का माध्यम बनाया। ये माध्यम आज गांव और शहर, अमीर और गरीब के बीच की दूरी को मिटाने में मदद कर रहा है।

भारत ने सिर्फ 10 साल में जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी से भी आठ गुना है। उन्होंने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर में जो सुधार किए गय वो अकल्पनीय हैं, अभूतपूर्व हैं। इससे डेटा की कीमत बहुत कम हुईं। आज भारत में इंटरनेट डेटा की कीमत, लगभग 12 सेंट प्रति जीबी है। यूपीआई ने कितनी ही नई कंपनियों को नए मौके दिए हैं।

अब आजकल ओएनडीसी की भी ऐसी ही चर्चा हो रही है। ओएनडीसी से भी डिजिटल कॉमर्स में नई क्रांति आने वाली है। यहां डब्ल्यूटीएसए में महिलाओं से जुड़े कार्यक्रमों पर भी चर्चा होनी है। भारत वीमेन लेड डवलपमेंट को लेकर बहुत ही गंभीरता से काम कर रहा है। इस अवसर पर संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और आईटीयू की महासचिव , विभिन्न देशों के मंत्री, के साथ ही 160 देशों के 3200 से अधिक प्रतिनिधि मौजूद थे।

उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।