सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन में उल्लेखनीय कार्यों की सराहना
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झारखंड मॉडल पर बहुत अच्छा काम हुआ
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अनेक सम्मान पहले भी मिल चुके हैं
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स्थानीय स्तर पर दक्षता से हो रहा ईलाज
राष्ट्रीय खबर
रांचीः रांची की प्रमुख नेत्र चिकित्सक डॉ भारती कश्यप के प्रयासों के फलस्वरूप अब तक 4,11,457 (चार लाख ग्यारह हजार चार सौ सत्तावन) प्रजनन क्षमता वाली ऐसी महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग की जा चुकी है और जरूरतमंदों का इलाज भी हो चुका है। आन्ध्र प्रदेश नेत्र सोसाइटी के द्वारा आयोजित वार्षिक अधिवेशन तिरुपति आईकोन 2024 में डॉ भारती कश्यप को पहला वीमेन लीडरशिप अवार्ड प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके द्वारा चलाए जा रहे सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान के लिए प्रदान किया गया।
ज्ञातव्य हो की वर्ष 2018 में डॉ भारती कश्यप के प्रयासों को सम्मान देते हुए केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया गया था और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, नई दिल्ली द्वारा रिकॉर्ड 5 पुरस्कार – मेड अचीवर्स अवार्ड, डॉक्टर ऑफ द ईयर अवार्ड, ज्योति प्रसाद गांगुली पुरस्कार और कनक गोयल पुरस्कार। वह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2014 पर महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आयोजित चाय पे चर्चा में माननीय नरेंद्र मोदी द्वारा आमंत्रित 6 महिलाओं में से एक थीं।
2014 में डॉ भारती कश्यप जब वीमेन डॉक्टर्स विंग आई एम ए झारखंड की अध्यक्षा बनी तब उन्होंने महसूस किया कि महिला स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कम समय अवधि में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। बड़े शहरों के शीर्ष कैंसर स्त्री रोग विशेषज्ञों को झारखंड के दूर दराज के इलाकों में कैंप में जाने के लिए राजी करना बहुत मुश्किल भरा काम था क्योंकि उतनी दूर दुर्गम इलाकों में जहाँ पर की डायरेक्ट हवाई यात्रा की सुविधा नहीं है, ट्रेन से दूर सफर करना होता है उसके लिए वह जल्दी तैयार नहीं होते थे।
दूसरी समस्या ये थी कि डॉक्टर्स प्रशिक्षण के अभाव में कैंप स्थल पे क्रायो उपचार देने से डरते थे उनको लगता था की कहीं क्रायो के दौरान मौत भी हो सकती है। अब प्रशिक्षण के बाद सरकारी क्षेत्र की डॉक्टर्स कैंप स्थल में ही सर्वाइकल प्री-कैंसर का उपचार करके महिलाओं को कैंसर मुक्त करके भेज रही हैं। अलग अलग जगह के सरकारी अस्पतालों में डिजिटल विडियो कोल्पोस्कोप लगाना भी आसान काम नहीं, इस के लिए डॉ भारती ने नेताओं को भी इसके लिए राजी करने में अपनी ऊर्जा लगाई। डॉ कश्यप के अथक अभियान के कारण, झारखंड के 14 बड़े सरकारी अस्पताल अब सर्वाइकल कैंसर का शुरुआती स्टेज में पता लगाने और इलाज के लिए डिजिटल विडियो कोल्पोस्कोप और क्रायो सेट से लैस हो गए हैं।
2021 में उन्होंने यह महसूस किया कि हम सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ की सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन नीति को अपनाकर झारखंड में एक नई नीति बनाई गई, जिससे झारखंड मॉडल का नाम दिया गया। इस नीति के अनुसार अगर हम जननांग सम्बन्धी सूजन से ग्रसित 90 प्रतिशत महिलाओं को चिह्नित कर उनका इलाज करें, तो हम सर्वाइकल कैंसर पर रोक लगा सकते हैं।
कैंसर रोग विशेषज्ञ के साथ बातचीत कर यह बात सामने आयी कि अगर हम प्रजनन क्षमता वाली 6 प्रतिशत ऐसी महिलाओं की स्क्रीनिंग करें, जो हाई-रिस्क कैटेगरी की हैं या जिनको जननांग संबंधी सूजन के संभावित लक्षण हैं और अगर हम उनका इलाज कर देते हैं, तब हम बीमारी से ग्रसित महिलाओं की स्क्रीनिंग करने में सफल हो जाएंगे। प्रजनन क्षमता वाली ऐसी महिलाओं की वर्तमान में झारखंड में संख्या 2,70,000 है।
विभागीय मंत्री जी ने इस पर अमल करते हुए 2021 में महिलाओं की जाँच अनिवार्य कर दिया। लक्ष्य के आधार पर तीव्र गति से सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू हुई और अब तक 4,11,457 प्रजनन क्षमता वाली ऐसी महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा चुकी है और जरूरतमंदों का इलाज भी हो चुका है। इन तमाम योगदानों की वजह से तिरुपति में आयोजित एक समारोह में डॉ भारती कश्यप को यह सम्मान प्रदान किया गया।