मुंबई पुलिस की माने तो अंबानी परिवार की शादी दरअसल एक सार्वजनिक समारोह है। इसलिए सबसे व्यस्त शहर की ट्राफिक व्यवस्था के लिए बदलाव किये गये हैं। बदलाव सिर्फ पुलिस ने ही नहीं किया है। डोमेस्टिक एयरपोर्ट पर भी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को उतरने की अनुमति दी गयी है। सब कुछ इसलिए है क्योंकि अंबानी परिवार की शादी है। अब भी अगर किसी को इस बात पर कोई संदेह हो कि देश दरअसल कौन चलाता है तो इस एक शादी से उनके दिमाग का ताला खुल जाना चाहिए।
पूंजी और सत्ता का गठजोड़ कैसे काम करता है, यह भी लोगों को टीवी चैनलों में दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों से यही शादी देश के प्रमुख समाचारों में शामिल है। कमाल है कि पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस शादी में एक ही कतार में खड़े नजर आ रहे हैं। इसके बाद भी अगर किसी के दिमाग की बत्ती नहीं जलती है तो कुछ और खाने से भी वह बत्ती नहीं जलेगी क्योंकि वह पूरी तरह फ्यूज हो चुकी है।
इस एक शादी ने मोदी जी की परेशानी बढ़ा दी क्योंकि उनके हिसाब वाले शहजादा ने इस शादी से खुद को दूर रखते हुए आम के बीच एक दूसरी और लंबी लकीर खींच दी है। बताया जाता है कि जब मुकेश अंबानी खुद शादी का निमंत्रण देने गये थे तो राहुल गांधी से उनकी मुलाकात नहीं हुई। अब शादी का न्योता होने के बाद भी वह नहीं पहुंचे। लिहाजा यह माना जा सकता है कि मोदी जी के कथित शहजादे का संसद के भीतर और बाहर अडाणी और अंबानी को लेकर हमला जारी रहेगा।
लेकिन पब्लिक का सवाल शादी के ठीक पहले जिओ मोबाइल के रिचार्ज के दाम बढ़ाने को लेकर है। अचानक से सोशल मीडिया में एक हवा चली और हर रोज सैकड़ों लोग अब नये सिरे से बीएसएनएल का सिम खरीदने लगे है। मैंने खुद शहीद चौक के पास सड़क पर लगे बीएसएनएल सिम बेचने वालों के पास भीड़ देखी है जबकि पहले वह अधिकांश समय खाली बैठे रहते थे। तो क्या यह समझा जाए कि अंबानी पुत्र की शादी का न्योता पूरा देश अदा करने पर विवश है।
इसी बात पर फिल्म आदमी सड़क का, का यह गीत याद आने लगा है। इस गीत को लिखा था वर्मा मलिक ने और संगीत में ढाला था रवि ने। इसे मोहम्मद रफी और रवि के अलावा फिल्म अभिनेता देवेन वर्मा ने भी अपना स्वर दिया था। गीत के बोल कुछ इस तरह हैं।
अमीर से होती है गरीब से होती है
दूर से होती है क़रीब से होती है
मगर जहाँ भी होती है ऐ मेरे दोस्तो
शादियाँ तो नसीब से होती है
आज मेरे यार की शादी है -२
लगता है जैसे सारे संसार की शादी है
आज मेरे यार कि …
वक़्त है ख़ूबसूरत बड़ा शुभ लगन मुहूरत
देखो क्या ख़ूब जमीं है दूल्हें की भोली सूरत
दूल्हें की भोली सूरत
ख़ुशी से झूमें है मन मिला सजनी को साजन
कैसे संजोग मिले हैं चोली से बँध गया दामन
चोली से बँध गया दामन
ओ सुन मेरे दिलजानी
शुरू अब होने लगी है नई तेरी ज़िन्दगानी
ख़ुशी से क्यों इतराए
अहा
आज तू हमें नचाए
वक़्त वो आने वाला
ओ हो
दुल्हनिया तुझे नचाए
दुल्हनिया तुझे नचाए
किसी के सपनों के सोलह सिंगार की शादी है
आज मेरे यार कि …
तारे तोड़-तोड़ लाऊँ तेरे सहरे को सजाऊँ
फूल राहों में बिछाऊँ मैं प्यार के
आज लूँगा मैं बलाएँ दूँगा दिल से दुआएँ
डाल गले में बाँहें अब यार के
एक चमन से देखो आज बहार की शादी है
आज मेरे यार की शादी है मेरे दिलदार की शादी है
लगता है जैसे सारे संसार की शादी है
आज मेरे यार की शादी है।
अब दूसरी तरफ की भी बात कर लें तो अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत क्या मिली। उनपर आरोप लगाने वाले फिर से चुप्पी साध गये। सौ करोड़ के कथित शराब घोटाला में हर रोज नये नये आरोप पत्र क्यों दाखिल हो रहे हैं, यह समझना अब मैंगो मैन के लिए सरल हो गया है। अब तो ईडी और अन्य जांच एजेंसियों को यह देखना है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो सवाल उठाये हैं, उनका क्या संतोषजनक उत्तर उनके पास है। वैसे इस पूरे खेल का एक भावी परिणाम लगभग तय हो गया है कि जब कभी भी सरकार बदलेगी तो आज इसका दुरुपयोग करने वाले तथा इसमें उनका सहयोग करने वालों को भी कठिन चुनौती से गुजरना ही पड़ेगा। भाजपा ने अन्य दलों को इन एजेंसियों के दुरुपयोग का रास्ता दिखा दिया है। जाहिर सी बात है कि जो गड्ढा खोद रहा है, उसे भी कभी न कभी इसी गड्डे में जाना पड़ेगा। कहावत है कि बोए बीज बबूल का तो आम कहां से होय।