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पहली कैबिनेट में तीन करोड़ आवास का फैसला

विभागों के बंटवारे की आग अभी बाहर नहीं नजर आयी

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः नरेंद्र मोदी 3.0 की पहली कैबिनेट बैठक सोमवार को हुई और उस बैठक में मोदी ने एक बड़ा फैसला लिया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तीन करोड़ घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। अब तक जितने मकान बने हैं, वह वहीं है। साथ ही, मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने तीन करोड़ और घर बनाने के लिए सहायता देने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर बनाए जाएंगे, उनमें रहने की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। यानी घर में शौचालय होगा। रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। बिजली कनेक्शन मिलेगा। नल का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

तय किया गया है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से काम किया जायेगा। वैसे इस कैबिनेट में विभागों के बंटवारे से एनडीए के अन्य सहयोगी संतुष्ट होंगे, ऐसा मान लेना गलत होगा। अलबत्ता सारे महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रख लेने के बाद भी किसी सहयोगी दल ने अब तक औपचारिक तौर पर इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

कैबिनेट बैठक की जानकारी देने वाले एक अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में घर बनाने के लिए 2015-16 से प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई है। जीवनयापन की बुनियादी जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पिछले 10 वर्षों में 4.21 करोड़ घर बनाए गए हैं।

वैसे कैबिनेट बैठक में मोदी ने जो पहला मुद्दा तय किया, वह पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार से टकराया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बार-बार शिकायत की है कि केंद्र सरकार ने आवास योजना के लिए धन रोक दिया है। पैसे भेजने के लिए बार-बार अनुरोध करने पर भी कोई फायदा नहीं हुआ। पिछले फरवरी में, एक समय सीमा निर्धारित करके, ममता ने कहा कि यदि निश्चित अवधि के भीतर पैसे का भुगतान नहीं किया गया तो राज्य सरकार अपने खजाने से बंगाल के उपभोक्ताओं के लिए घर बनाएगी।

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