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कूनो के इलाके में राजस्थान का बाघ

राष्ट्रीय खबर

भोपालः नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ किये गये चीता परियोजना के जंगल में एक बाघ मौजूद है। बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में खास तौर पर अफ्रीका से लाये गये चीते छोड़े गये थे। अब अफ्रीका के जंगलों के इन जानवरों के इलाके में एक बाघ के पैरों के  निशान ने वन अधिकारियों को चौंकन्ना कर दिया है।

इससे वहां के मौजूद चीतों की सुरक्षा पर सवाल उठ गया है। माना जा रहा है कि राजस्थान के रणथंभौर नेशनल पार्क से एक बाघ सीमा पार कर मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर जंगल में घुस आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को अफ्रीका से लाए गए चीता पुनर्जनन परियोजना का शुभारंभ किया था।

वन्यजीव विशेषज्ञों को डर है कि कूनो के चीतों को एक नए संकट का सामना करना पड़ेगा। हालाँकि, कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने ऐसी किसी भी संभावना से इनकार किया है। नेशनल पार्क के निदेशक उत्तम शर्मा ने सोमवार को बताया, दो-तीन दिन पहले हमने कूनो के जंगल में एक अपरिपक्व नर बाघ के पैरों के निशान देखे।

लेकिन अभी चीतों से डरने की कोई वजह नहीं है। क्योंकि फिलहाल सभी चीतों को जाल से घिरे अलग-अलग बाड़ों में रखा गया है। कुनो नेशनल पार्क के निदेशक ने कहा कि चीतों को बाड़ों में रखा जाता है। इसलिए चीतों को बाघों से सीधे नुकसान की कोई संभावना नहीं है। कूनो अधिकारियों के मुताबिक, जिस बाघ की मौजूदगी बताई जा रही है, उसकी उम्र करीब तीन साल है।

यह राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व से संरक्षित जंगल में प्रवेश कर गया था। कूनो से इसकी दूरी लगभग 100 किमी है। वर्तमान में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 7 नर चीते, इतनी ही संख्या में मादा चीते और एक शावक है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीते को भारत के जंगलों में वापस लौटाने की पहल की थी।

उस प्रोजेक्ट के मुताबिक, पिछले साल 17 सितंबर को नामीबिया से आठ चीते भारत लाए गए थे। इस साल 12 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते भारत पहुंचे। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पिछले कुछ महीनों में वहां 9 चीतों की मौत हो गई है। चीते के गले में रेडियो कॉलर को लेकर विवाद बढ़ गया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई थी। शीर्ष अदालत में केंद्र को फटकार झेलनी पड़ी।

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