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खुद नरेंद्र मोदी ने भी जानकारी सांझा की
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हिंदू नेताओँ को आमंत्रित करने की योजना
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कई अन्य देशों ने भी मांगी है यहां जमीन
राष्ट्रीय खबर
नई दिल्ली: पूर्व अनुमान के मुताबिक ही अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का उदघाटन की तिथि अब सार्वजनिक हो गयी है। इस बात का अनुमान पहले ही लगाया गया था कि जनवरी के तीसरे सप्ताह में इसकी तिथि रखी जाएगी। इसके बाद ही चुनाव आयोग देश में चुनाव संबंधी अन्य एलान करेगा। इसी अनुमान के मुताबिक आज श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की और उन्हें मंदिर के उदघाटन समारोह में शामिल होने का आमंत्रण दिया। इसके बाद यह घोषणा हुई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होंगे जो देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, मैं बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं अपने जीवनकाल में इस ऐतिहासिक अवसर का गवाह बनूंगा। उन्होंने लिखा, जय सियाराम! आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है। अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मुझसे मेरे निवास स्थान पर मिलने आए थे। उन्होंने मुझे श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने के लिए निमंत्रित किया है। मैं खुद को बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि अपने जीवनकाल में, मैं इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनूंगा।
पीएम मोदी ने कहा, आज का दिन भावनाओं से भरा है। हाल ही में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के अधिकारी मुझसे मिलने मेरे आवास पर आए थे। उन्होंने मुझे श्री राम मंदिर के अभिषेक के अवसर पर अयोध्या आने का निमंत्रण दिया। यह पोस्ट हिंदी में है, साथ में मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों की तस्वीर भी है।
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट चंपत राय ने पुष्टि की कि भगवान राम की मूर्ति 22 जनवरी को मंदिर में स्थापित की जाएगी और पीएम मोदी ने उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। ट्रस्ट की योजना अभिषेक समारोह के लिए 136 सनातन परंपराओं के 25,000 से अधिक हिंदू धार्मिक नेताओं को आमंत्रित करने की है। अभिषेक समारोह में भाग लेने वाले 25,000 संतों के अलावा, 10,000 विशेष अतिथि भी होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में एक फैसले में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
इसके बाद केंद्र ने निर्माण चरण के दौरान निर्णय लेने के लिए श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की स्थापना की। ट्रस्ट की देखरेख में मंदिर का काम निरंतर गति से आगे बढ़ रहा है। रामलला की मूर्ति मंदिर के गर्भगृह में होगी। मंदिर की आधारशिला 5 अगस्त, 2020 को पीएम मोदी ने रखी थी। भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कल देश भर के लोगों से इस अवसर का जश्न मनाने के लिए मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित करने को कहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन से पहले अधिकारियों को अयोध्या का सौंदर्यीकरण करने और अत्याधुनिक शहरी सुविधाएं प्रदान करने का आदेश दिया है।
इस बीच यह सूचना भी सार्वजनिक हुई है कि राम मंदिर निर्माण का पहला चरण पूरा होने और नई अयोध्या टाउनशिप परियोजना के गति पकड़ने के बीच कई राज्य सरकारों ने अयोध्या में जमीन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से संपर्क किया है। इसमें राज्यों समेत कई देशों ने भी यूपी की योगी सरकार से 5 एकड़ जमीन की मांग की है।
उत्तर प्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने नई अयोध्या टाउनशिप परियोजना में राज्य अतिथि गृह के लिए गुजरात को 6,000 वर्ग मीटर जमीन पहले ही आवंटित कर दी है। टाउनशिप परियोजना हाउसिंग बोर्ड द्वारा लागू की जाएगी जो लखनऊ-अयोध्या एनएच-27 पर 1,407 एकड़ भूमि पर बनेगी। बाद में परियोजना का विस्तार 1,800 एकड़ तक किया जाएगा। राज्य अपने गेस्ट हाउस खोलने के लिए अयोध्या में जमीन चाहते हैं।
अयोध्या प्रशासन के मुताबिक, नेपाल, श्रीलंका और दक्षिण कोरिया ने भी अयोध्या में 5 एकड़ जमीन मांगी है, जिसे नई अयोध्या टाउनशिप परियोजना में आवंटित किया जाएगा। नई टाउनशिप दो चरणों में बनेगा। पहले चरण में 539 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। परियोजना का पहला चरण 11 नवंबर को अयोध्या में दीपोत्सव समारोह के बाद शुरू किया जाएगा।
अयोध्या प्रशासन के अनुसार, परियोजना के लिए मांझा, मांझा तिरुआ, मांझा बरहटा और शाहनवाजपुर सहित कई गांवों में जमीन खरीद ली गई है। हाउसिंग बोर्ड के अतिरिक्त आवास आयुक्त नीरज शुक्ला ने कहा कि हाउसिंग बोर्ड को भूमि आवंटन के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, सिक्किम, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश से आवेदन प्राप्त हुए हैं।
हमने उन्हें जवाब भेजकर अयोध्या में स्थल का दौरा करने के लिए कहा है। राज्य सरकारों को भूमि तभी आवंटित की जाएगी, जब उनके प्रतिनिधि साइट पर जाएंगे और अपनी सहमति देंगे। शुक्ला ने आगे कहा कि राज्य सरकार अयोध्या में अपना गेस्ट हाउस भी बनाएगी। लगभग 100 मठों और आश्रमों ने भी अयोध्या में भूमि के लिए आवेदन किया है।
लेकिन, अयोध्या में जमीन की कमी के कारण हाउसिंग बोर्ड के लिए इतने सारे मठों को जमीन आवंटित करना संभव नहीं होगा। इसलिए, हम मठों को भूमि आवंटित करने के लिए लॉटरी प्रणाली अपनाएंगे। राम मंदिर के बाद, नई टाउनशिप परियोजना अयोध्या में आने वाली अगली मेगा परियोजना होगी। राज्य सरकार ने मंदिर शहर में भीड़भाड़ कम करने के लिए इस परियोजना की परिकल्पना की है क्योंकि अगले साल जनवरी में राम मंदिर भक्तों के लिए खुलने के बाद अयोध्या में भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी।