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भाजपा और आरएसएस 2.3 प्रतिशत आबादी से भयभीत क्यूं हैः रतन तिर्की

रांचीः झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद टीएसी के पूर्व सदस्य रतन तिर्की ने छत्तीसगढ़ के चर्च में हुये हमले, धार्मिक प्रतिमाओं को तोड़े जाने और मारपीट की घटना को आर।एस।एस  संघ द्वारा प्रायोजित बताया है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूर्व भाजपा सरकार भी धार्मिक स्थलों पर उन्माद फैलाकर आदिवासियों को लड़ाने का काम करती थी।आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार भी भाजपा के उसी उन्मादी एजेंडे को लागू कर रही है। यह कोई नई घटना नहीं है।

गिरजाघरों में हमले आज पूरे देश में जहां जहां भाजपा की सरकार है करा रही है। रतन तिर्की ने छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार को संविधान विरोधी बताते हुए कहा है कि दोनों संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को कुचल रही है।इसका विरोध लगातार किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि डिलिस्टिंग और धर्मांतरण के सहारे भाजपा और संघ देश में सांप्रदायिक तनाव और लोगों के। बीच विद्वेष फैलाना चाहती है।जिसे हर हालत में विरोध किया जायेगा।

रतन तिर्की ने संघ और हिंदूवादी संगठनों से पूछा है कि ये लोग बतायें कि 200 साल हो गये ईसाई मिशनरियों के भारत आये। और आज तक 200 सालों के बाद भी ईसाई धर्म मानने वालों की जनसंख्या 2011 की सरकारी जनगणना के अनुसार जनसंख्या सिर्फ 2.3 प्रतिशत ही है। तो इनको डर किस बात की है।

उन्होंने कहा कि असल में मिशनरियों द्वारा शिक्षा स्वास्थ्य और मानव सेवा के क्षेत्रों में जो अभूतपूर्व कार्य किया गया है उससे पार लगना उनसे पार नहीं लग पा रहे हैं।उन्होंने संघ परिवार से कहा है कि जल्द ही संघ परिवार और आदिवासी/झारखंडी समाज  झारखंड के बीच सीधा संवाद कर एक राज्यस्तरीय सेमिनार आयोजित किये जाने की योजना पर काम शुरू किया जा चुका है।रतन तिर्की ने बताया कि मोदी सरकार को अविलंब ऐसी घटनाओं पर सीधे संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

छत्तीसगढ़ के सीएम से मिलेगा प्रतिनिधि मंडल

इसके साथ साथ राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के अध्यक्ष प्रभाकर तिर्की ने भी अपने बयान में घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा कि छत्तीस गढ़ में लगातार ईसाई समुदाय के धार्मिक स्थल पर हो रहे तोड़ फोड़ की घटनाएं दुर्भाग्य पूर्ण एवम आश्चर्य जनक है क्योंकि वहां कांग्रेस की अपनी सरकार है  जिसे हम अपनी सरकार समझते हैं।

राज्य सरकार को इन घटनाओं पर संज्ञान लेकर अविलम्ब इस पर रोक लगाने एवम इन घटनाओं में लिप्त दोषी लोगों पर कानूनी कारवाई करनी चाहिए। छत्तीस गढ़ में हो रही हिंसा एवम कट्टरवादी हिंदू संगठनों के द्वारा प्रायोजित है तथा आदिवासी समुदाय को कमजोर करने की साजिश है। इन घटनाओं को लेकर जल्द ही राष्ट्रीय ईसाई महासंघ और कांग्रेस जनों का प्रतिनिधि मंडल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से मिलकर हिंसक गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग करेगा।

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