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लोकसभा चुनाव के पूर्व अहम हैं यह चुनाव

  • जोड़-तोड़ में जुटी सभी राजनीतिक पार्टियां

  • सियासी समीकरण पर अपनी दावेदारी की होड़

  • 16.14 करोड़ मतदाता करेंगे विधायकों का फैसला

रंजीत कु. तिवारी

नईदिल्ली : निर्वाचन आयोग द्वारा एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पांच राज्यों में होने वाले चुनावों का एलान कर दिया गया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनावों की तारीखों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सभी राज्यों के चुनाव परिणाम तीन दिसंबर को आएंगे।

निर्वाचन आयोग के अनुसार मिजोरम में 7 नवंबर को मतदान होगा। छत्तीसगढ़ का पहला चरण 7 नवंबर और दूसरा चरण 17 नवंबर को, मध्यप्रदेश में 17 नवंबर, राजस्थान में 23 नवंबर, तेलंगाना में  30 नवंबर को मतदान होंगे। सभी पांच राज्यों के नतीजों का घोषणा तीन दिसंबर किया जाना है।

इस दौरान कुल 16.14 करोड़ मतदाता इन चुनावों में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। जानकारी देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त श्री कुमार ने बताया कि कुल इनमें 8.2 करोड़ पुरुष मतदाता, 7.8 करोड़ महिला मतदाता शामिल होंगे। वहीं इस बार 60.2 लाख नए मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। जिनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। 15.39 लाख वोटर ऐसे हैं, जो 18 साल पूरे करने जा रहे हैं और जिनकी एडवांस एप्लीकेशन प्राप्त हो चुकी हैं। इस बार मध्यप्रदेश में 5.6 करोड़, राजस्थान में 5.25 करोड़, तेलंगाना में 3.17 करोड़, छत्तीसगढ़ में 2.03 करोड़ और मिजोरम में 8.52 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

पांचों राज्यों में कुल 679 विधानसभा सीटें हैं। मध्य प्रदेश में इस वक्त भाजपा की सरकार है। वहीं, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस शासन में है। तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव वाली भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस की सरकार है। मिजोरम में जोरमथंगा की मिजो नेशनल फ्रंट सत्ताधारी पार्टी है। 2018 में पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान 6 अक्तूबर को हुआ था। छत्तीसगढ़ में चुनाव दो चरणों में कराए गए थे। वहीं मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में एक चरण में वोटिंग हुई थी। पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे एक साथ 11 दिसंबर को आए थे। जो इस बार तीन दिसंबर को आएंगे।

मध्यप्रदेश में पिछला विधानसभा चुनाव 28 नवंबर 2018 को हुआ था। इस चुनाव के लिए कुल 2,899 उम्मीदवार मैदान में थे। फिलवक्त विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने अब तक 79 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। वहीं अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप ने भी अपने 39 प्रत्याशी घोषित किए हैं। तथा, कांग्रेस ने अब तक कोई सूची नहीं जारी की है।

राजस्थान में पिछला विधानसभा चुनाव 28 नवंबर 2018 को संपन्न हुआ था। इस चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को पटखनी देते हुए 99 सीटें जीती और प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का रिवाज कायम रहा। भाजपा को 73, मायावती की पार्टी बसपा को छह तो अन्य को 20 सीटें मिलीं। कांग्रेस को बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत थी। कांग्रेस ने निर्दलियों और अन्य की मदद से जरूरी आंकड़ा जुटा लिया। इसके साथ ही राज्य की सत्ता में वापसी की और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने। छत्तीसगढ़ में पिछला विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराया गया था। नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जाता रहा है।

तेलंगाना में पिछले चुनाव सात दिसंबर 2018 को हुए थे। इस चुनाव में 119 सदस्यीय विधानसभा में बीआरएस को 88, कांग्रेस को 19, आईएमआईएम को सात, टीडीपी को दो, भाजपा को एक, एआईएफबी को एक सीट मिली थी। इसके अलावा एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली थी।

मिजोरम में पिछले चुनाव 28 नवंबर 2018 को हुए थे। इस चुनाव के लिए कुल 209 उम्मीदवार मैदान में थे। इस चुनाव में 40 सदस्यीय विधानसभा में एमएनएफ को 27 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने चार सीटें, जबकि भाजपा को एक सीट पर विजय मिली थी। इसके अलावा आठ सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत मिली थी। इसके साथ ही राज्य में मुख्यमंत्री जोरमथंगा के नेतृत्व में एमएनएफ की सरकार बनी थी।

इस चुनाव को लेकर सभी राज्यों में राजनैतिक दल काफी सक्रिय हैं, अपने-अपने उम्मीदवारों को विजयश्री दिलाने के लिए उनके तरफ से हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। लेकिन आने वाला तीन दिसंबर परीक्षा के महा परिणाम का दिन है। जिस पर राष्ट्र की निगाहें टिकी हुई है।

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