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रांचीः खाकी वर्दी पहनकर वसूली करने वाले नगर निगम के इंफोर्समेंट के लोगों का कारनामा सामने आने के बाद अब मजबूरी में नगर निगम को कार्रवाई करनी पड़ी है। दरअसल इसकी शिकायत काफी पहले से मिल रही थी लेकिन चुटिया में हंगामा होने के बाद यह मामला चर्चा में आ गया था। अब पुलिस की वर्दी में अवैध वसूली करने पर नगर निगम की प्रवर्तन टीम पर शनिवार को कार्रवाई की गई। वर्दी हटाने के साथ-साथ 30 नये बहाल प्रवर्तन अधिकारियों को भी हटा दिया गया है।
अवैध वसूली पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया। नगर प्रशासक ने अब प्रवर्तन टीमों के खाकी वर्दी पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। गनीमत यह रही कि नगर निगम प्रवर्तन दल के सदस्य अब तक बिना किसी अधिकारी के आदेश के खाकी वर्दी पहन रहे थे। शहर को व्यवस्थित करने के लिए 2017 में तत्कालीन नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने इंफोर्समेंट ऑफिसर की बहाली की थी। इस बहाली को बोर्ड की बैठक में लाया गया था।
प्रशासक ने आदेश जारी करते हुए कहा कि पुलिस उप महानिरीक्षक कार्यालय के माध्यम से जानकारी मिली है कि रांची नगर निगम का प्रवर्तन कार्यालय पुलिस की तरह खाकी वर्दी और स्टार का प्रयोग करता है। इससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है। इस संबंध में विभिन्न माध्यमों से शिकायतें भी प्राप्त हुई हैं।
इस संबंध में रांची नगर निगम की ओर से पुलिस उप महानिरीक्षक से आवश्यक पत्राचार किया गया है। इसके बाद फिर से पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय के माध्यम से प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा पहनी जाने वाली वर्दी को पुलिस की वर्दी से अलग करने का विचार आया। मामले पर विचार करते हुए प्रवर्तन अधिकारी द्वारा उपयोग की जाने वाली वर्दी को मंजूरी दे दी गई है। बिना अनुबंध कार्यकाल के काम कर रहे 30 अधिकारियों को हटा दिया गया है।
नगर निगम के 30 प्रवर्तन पदाधिकारी बिना अनुबंध अवधि के काम कर रहे थे। अब इन 30 प्रवर्तन अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। आदेश जारी करते हुए नगर निगम ने कहा कि 2021 में 30 प्रवर्तन अधिकारी जिनका अनुबंध समाप्त हो गया था, उन्हें बहाल कर दिया गया है। अनुबंध बढ़ाने के लिए बोर्ड में फाइल पेश की गई।
लेकिन बार्ड मीटिंग के मिनट्स में इसे शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी गई। कार्य की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए इनका कार्यकाल विस्तार की प्रत्याशा में अब तक लिया गया है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार प्रत्येक वर्ष के अंत में कार्य का मूल्यांकन कर अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया जाना चाहिए। 30 नवचयनित प्रवर्तन अधिकारियों के कार्यकाल के विस्तार पर चयन समिति द्वारा कार्य के मूल्यांकन एवं समीक्षा तथा सिफ़ारिशों की प्राप्ति के बाद ही विचार किया जाएगा।