Breaking News in Hindi

राहुल की सजा पर रोक से बदले समीकरण

  • लोकसभा सदस्य पर टिकी है देश की नजर

  • अगले लोकसभा चुनाव में भाग ले सकते हैं

  • सुप्रीम कोर्ट ने अदालत पर भी उठाये सवाल

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने राहुल गांधी को दी गयी सजा पर रोक लगा दी है। इस पर एक अन्य अदालत में मुकदमा जारी होने की वजह से अदालत ने सिर्फ इतना ही निर्णय सुनाया। इसके बीच शीर्ष अदालत में जो दलीलें पेश की गयी उससे पूरे मामले में गुजरात लॉबी की सक्रियता और राहुल गांधी की आवाज को हर स्तर पर दबाने की साजिशों का भी खुलासा होने लगा है।

मोदी पदवी के मानहानि मामले में सजा पर रोक का अर्थ यह है कि अब सूरत की अदालत के फैसले की वजह से उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना संभव नहीं होगा। इसी वजह से अब राजनीति के जानकार यह मान रहे हैं कि इस एक फैसले ने लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला को एक कठिन परीक्षा के सामने ला खड़ा कर दिया है। राहुल की सदस्यता रद्द करने तथा उसके बाद लोकसभा सचिवालय द्वारा उनका बंगला खाली कराये जाने में जितनी जल्दबाजी दिखायी गयी थी, उसके विपरीत अब क्या कुछ होगा, इसे देखना रोचक होगा।


मेरी जिम्मेदारी वही है जो पहले थी भारत को बचानाः राहुल गांधी

नईदिल्लीः शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद 13 शब्दों के संदेश में कांग्रेस नेता राहुल ने कहा, चाहे जो भी स्थिति हो, मेरी जिम्मेदारी वही रहेगी- भारत की भावना की रक्षा करना। मेरा रास्ता साफ़ है। मुझे इस बात का स्पष्ट अंदाजा है कि मुझे क्या करना है और मेरा काम क्या है।

हम उन लोगों को धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने हमारी मदद की। मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। राहुल के खिलाफ किस संदर्भ में मानहानि का मुकदमा दायर किया गया?

2019 में कर्नाटक में प्रचार करते हुए राहुल ने कहा, ‘सभी चोरों को मोदी कैसे कहा जा सकता है?’ गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया है। उन्होंने दावा किया कि राहुल ने मोदी के स्तर के सभी लोगों का अपमान किया है। हालाँकि राहुल ने हमेशा दावा किया है कि टिप्पणियाँ किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं थीं, गुजरात की एक निचली अदालत ने इस मामले में राहुल को दो साल जेल की सजा सुनाई थी। इस वजह से राहुल की सांसदी खारिज हो गई। आज सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच ने गुजरात की निचली अदालत के फैसले पर स्टे जारी कर दिया।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम सजा सुनाए जाने पर भी सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए भी कई मायनों में अहम है।

केरल की वायनाड लोकसभा सीट से सांसद रहे राहुल गांधी को सुनाई गई सजा के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धि पर भी रोक लगा दी है।सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही राहुल गांधी के लिए संसद के दरवाजे कानूनन खुल गए हैं। वकीलों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही राहुल की अयोग्यता समाप्त हो गई है और लोकसभा सचिवालय से सदस्यता बहाली का आदेश जारी होना औपचारिकता मात्र है। फिर भी यह औपचारिकता कब पूरी होती है, इस पर लोगों की नजर है। वैसे चुनाव आयोग ने भी संभलकर चलते हुए राहुल की सदस्यता खारिज होने के बाद आनन फानन में वायनाड सीट पर चुनाव कराने का एलान नहीं किया था।

संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि कोर्ट के दोषसिद्धि पर रोक लगाने के साथ ही राहुल गांधी की संसद सदस्यता से अयोग्यता तत्काल प्रभाव से सस्पेंड हो गई है। इसका मतलब है कि वे फिर से संसद के सदस्य हैं। किसी को इसके लिए अप्रोच करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश लोकसभा सचिवालय पहुंचेगा और इसके बाद अयोग्यता के संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। लोकसभा सचिवालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर कहा जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राहुल गांधी की संसद सदस्यता से अयोग्यता सस्पेंड कर दी गई है। हालांकि, इसके लिए किसी तरह की समय सीमा निर्धारित नहीं है।

संसद सदस्यता बहाल होने पर मिलेगा घर

राहुल गांधी को संसद की सदस्यता समाप्त होने के बाद दिल्ली में अपना आवास भी खाली करना पड़ा था। राहुल गांधी के घर खाली करते समय कांग्रेस नेताओं ने मेरा घर राहुल गांधी का घर मुहिम छेड़ दी थी। अब संसद सदस्यता बहाल होने पर राहुल गांधी को दिल्ली में फिर से घर मिलेगा।

लेकिन दोबारा लोकसभा में पहुंचने की स्थिति में राहुल फिर से अडाणी मामले पर क्या बोलेंगे और क्या उस बयान को भी रिकार्ड से हटाया जाएगा, इसे लेकर अभी से ही अटकलबाजी का दौर चालू हो गया है। कुल मिलाकर लोग मानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के इस एक फैसले ने देश की राजनीति को दूसरी दिशा में धकेल दिया है, जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.