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बिजली गुल, गर्मी और नमी के बीच बेहाल रांची के लोग

  • हर आधे घंटे में बिजली गुल होती रही

  • सभी इलाकों में लोड वोल्टेज से परेशानी

  • विभाग और सरकार से कोई स्पष्टीकरण नहीं

राष्ट्रीय खबर

रांची: दक्षिण पश्चिमी मॉनसून अपने निर्धारित समय पर रांची नहीं पहुंचा है। चक्रवाती तूफान विपर्जय की वजह से इसकी प्रगति बाधित हुई थी। दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी की तरफ से कोलकाता होते हुए बादल आगे बढ़ रहे हैं। इसके  बीच ही रांची के लोग इसके राजधानी होने का एहसास भूल चुके हैं। इस बार की भीषण गर्मी और अत्यधिक नमी का कहर बीती रात को लगभग उनसभी लोगों ने झेला, जिनके पास एयर कंडिशन कमरे में सोने की सुविधा नहीं है।

वैसे उन एसी वालों को भी परेशानी हुई, जिनके पास जेनरेटर नहीं है। इसकी वजह बार बार बिजली का गुल होना रहा। शायद प्रकृति को रांची के लोगों पर बाद में तरस आ गयी कि बादलों के साये में रांची को रखने के साथ साथ उसने थोड़ी सी बारिश कर दी। इससे लोग सुबह थोड़ी राहत में रहे। इस बीच सरकारी स्तर पर किये गये सारे वादे न सिर्फ फेल हुए बल्कि किसी स्तर पर भी इस परेशानी के लिए कोई स्पष्टीकरण तक नहीं दिया गया।

आंकड़ों की बात करें तो जून के महीने के दौरान वर्षा की गतिविधि में 91 प्रतिशत से अधिक की कमी के साथ, रांची में रात के रिकॉर्ड उच्च तापमान का अनुभव हो रहा है। रिकॉर्ड किए गए इतिहास में, जिले ने कभी भी इतनी गर्म रातें नहीं देखी हैं। जिले के लिए सबसे गर्म महीने (मई) का औसत न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस है जबकि वर्तमान न्यूनतम तापमान 28-29 डिग्री सेल्सियस के बीच है।

1991 से 2020 की अवधि के लिए जलवायु संबंधी रिकॉर्ड के अनुसार, जून के लिए रांची का औसत अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री सेल्सियस है, जबकि शुक्रवार को यह 41.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो पिछले दशक में जून में दर्ज किए गए उच्चतम तापमान के बराबर था। 8 जून 2014 को भी इसी तरह का उच्च तापमान (41.4 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया था। शनिवार को अधिकतम तापमान 0.6 डिग्री की मामूली गिरावट के साथ 40.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। गिरावट के बावजूद अधिकतम तापमान अभी भी सामान्य से 7 डिग्री अधिक है। दूसरी तरफ हवा के कम प्रवाह के बीच भीषण नमी की वजह से लोग पसीने से तर बतर होते रहे।

दशकों के उच्चतम दिन के तापमान को रिकॉर्ड करने के बावजूद, प्रमुख विसंगति रात के तापमान में निहित है, जो इस बार असामान्य रूप से उच्च रहा है। शुक्रवार और शनिवार को यह सामान्य से पांच डिग्री अधिक 28।8 डिग्री था। भारत मौसम विज्ञान विभाग के ऐतिहासिक रिकॉर्ड के अनुसार जून के सबसे गर्म दिनों में भी रात का तापमान हमेशा 23 डिग्री से नीचे रहता है। जून के महीने में उच्चतम न्यूनतम तापमान 12 जून, 2016 को 22.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, इसके बाद 8 जून, 2014 को रात का तापमान 22.1 डिग्री दर्ज किया गया, जो कि वह दिन भी था जब पिछले दशक का उच्चतम दिन का तापमान था। रिकॉर्ड किया गया।

आईएमडी के रिकॉर्ड के अनुसार, रांची में अब तक का उच्चतम तापमान 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 29 अप्रैल, 1989 को दर्ज किया गया था। मौसम विशेषज्ञों के पास रात के तापमान में तेज वृद्धि का कोई सटीक जवाब नहीं है और इसे विश्लेषण और टिप्पणी करने के लिए आईएमडी पर छोड़ देते हैं। वैसे अनुभवी लोग मानते हैं कि मानवजनित गतिविधियों के कारण चरम मौसम की घटनाएं हो रही हैं। हमारे पास जल भंडार नहीं हैं, वन घटते चले जा रहे हैं।

हम वातावरण में कार्बन जोड़ रहे हैं। इसके अलावा विकास के नाम पर जो कंक्रीट का जंगल खड़ा हो रहा है, वह भी गर्मी को खुद में सोखकर रात को छोड़ रहा है। ऐसी परिस्थिति में आने वाले समय में यह स्थिति और भी बिगड़ जाएगी। आईएमडी रांची के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने कहा कि मानसून की गतिविधियों को आकर्षित करने के लिए तापमान अनुकूल है और अगले 48 घंटों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा, हम सोमवार से राज्य में मानसून की गतिविधियों की उम्मीद कर रहे हैं और उसके बाद ही तापमान में कमी आएगी।

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