वाशिंगटनः दरअसल कोरोना वायरस कैसे इंसानों तक पहुंचा, इस पर वैज्ञानिक दुनिया को या तो नहीं बता पाये या फिर यह भी वैश्विक कूटनीति और अर्थनीति का शिकार हो गया है।
वैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को कहा कि कोविड -19 अब वैश्विक आपातकाल के रूप में योग्य नहीं है, जो विनाशकारी कोरोना वायरस महामारी के प्रतीकात्मक अंत को चिह्नित करता है, जिसने एक बार अकल्पनीय लॉकडाउन को ट्रिगर किया, दुनिया भर में अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया और दुनिया भर में कम से कम सत्तर लाख लोगों की मौत हो गई। वैसे मौत का वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भले ही आपातकालीन चरण समाप्त हो गया था, महामारी समाप्त नहीं हुई है, दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में मामलों में हालिया स्पाइक्स को ध्यान में रखते हुए। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि अभी भी हर हफ़्ते हज़ारों लोग इस वायरस से मर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा यह बड़ी उम्मीद के साथ है कि मैं कोविड-19 को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में की गयी घोषणा को समाप्त करता हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में कोविड -19 खत्म हो गया है।
जब संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने पहली बार 30 जनवरी, 2020 को कोरोनवायरस को एक अंतरराष्ट्रीय संकट घोषित किया था, तब तक इसे कोविड-19 नाम नहीं दिया गया था और चीन के बाहर कोई बड़ा प्रकोप नहीं था। तीन साल से अधिक समय के बाद, वायरस ने विश्व स्तर पर अनुमानित 764 मिलियन मामले पैदा किए हैं और लगभग 5 बिलियन लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक मिली है।
अमेरिका में, कोविड-19 के संबंध में की गई सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन घोषणा 11 मई को समाप्त होने वाली है, जब वैक्सीन जनादेश सहित महामारी प्रतिक्रिया का समर्थन करने के लिए व्यापक उपाय समाप्त हो जाएंगे। जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन सहित कई अन्य देशों ने पिछले साल महामारी के खिलाफ अपने कई प्रावधानों को हटा दिया था। इसके बीच यह सवाल अनुत्तरित ही रह गया कि यह वायरस चीन के वुहान शहर के समुद्री जीवों के बाजार से फैला अथवा वहां पर बने एक खास वायरस प्रयोगशाला से इसे जानबूझकर फैलाया गया।