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रांची के दो प्रमुख मंदिरों का कायाकल्प होगा

  • दोनों मंदिरों में सालों भर भक्त आते हैं

  • झीलों के जीर्णोद्धार प्रस्ताव को मंजूरी

  • आस पास के पर्यटन स्थलों का विकास

राष्ट्रीय खबर

रांची: साल भर लाखों भक्तों और हजारों पर्यटकों को आकर्षित करने वाले रांची के जगन्नाथपुर और पहाड़ी मंदिरों को अब आने वाले महीनों में नया रूप मिलेगा। रांची जिला पर्यटन विकास परिषद की पिछले सप्ताह हुई बैठक में जगन्नाथपुर और पहाड़ी मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के दो अलग-अलग प्रस्तावों को मंजूरी दी गई और इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की स्वीकृति दी गई।

परिषद में रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, सांसद महुआ माजी, मांडर के पूर्व विधायक बंधु तिर्की, रांची की महापौर आशा लकड़ा और जिले के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। परिषद ने धुर्वा में जगन्नाथपुर मंदिर से लगी झील के जीर्णोद्धार और उसे नया रूप देने के प्रस्तावों को मंजूरी दी।

मंदिर परिसर में सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटें लगाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई। इसके अलावा, मंदिर को निर्बाध जल आपूर्ति प्रदान करने के लिए एक ओवरहेड पानी की टंकी और एक गहरी बोरिंग सुविधा भी स्थापित की जाएगी। परिषद ने पहाड़ी मंदिर में विक्रेताओं द्वारा अतिक्रमण को रोकने के लिए पहाड़ी की तलहटी के चारों ओर एक सुरक्षा दीवार बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी।

अनगढ़ा प्रखंड में सीता जलप्रपात के सौंदर्यीकरण परियोजना और मरियम अम्बा चौक से मार्शली हिल्स के बीच एक पक्की सड़क के निर्माण, बुड़मू प्रखंड के तिरू बांध में बुनियादी ढांचे और लापुंग प्रखंड में घाघरी जलप्रपात के सौन्दर्यीकरण के प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी गई है। विभागीय अधिकारियों ने जानकारी दी है कि  प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के सौंदर्यीकरण से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और स्थानीय लोगों के लिए आजीविका भी पैदा होगी।

पहाड़ी मंदिर पर सावन के महीने में हर सोमवार को भक्तों की भीड़ रहती है। पहले से सुविधाएं विकसित करने का काम जारी होने के बाद अब दैनिक स्तर पर भी वहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। ठीक इसी तरह जगन्नाथपुर मंदिर के कायाकल्प के बाद वह पर्यटन का नया केंद्र बन गया है। वहां भी हर दिन श्रद्धालुओं के अलावा सामान्य पर्यटक भी आते रहते हैं।

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