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हवाई सर्वेक्षण करने के बाद नीतीश कुमार ने दिया निर्देश

राजगीर के वैभारगिरि पर्वत पर लगी आग की वास्तविकता का पता लगाएं

  • एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है यह क्षेत्र

  • केंद्र सरकार कुछ काम करती नहीं है

  • यह इलाका जड़ी बूटी के लिए भी प्रसिद्ध

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नालंदा जिले के राजगीर में वैभारगिरि पर्वत के अलग-अलग हिस्से में लगी आग की घटना को दुखद बताया और अधिकारियों को इस अगलगी की वास्तविकता का पता लगाने का निर्देश दिया। श्री कुमार ने गुरुवार को राजगीर के पहाड़ी क्षेत्र में हुई अगलगी की घटना का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में समीक्षा बैठक की।

इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अगलगी का क्या कारण है, इसकी वास्तविकता का पता लगाएं। यहां के पर्वत के ऊपर विभिन्न धर्मों के मंदिर हैं और कई तरह के लोग भी रहते हैं। ऊपर रहने वाले पर्यटकों पर विशेष नजर रखें। इसके लिए यहां तैनात लोगों को अलर्ट रखें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगलगी से जो क्षति पहुंची है उसे ठीक कराने की दिशा में यथाशीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करें। इस प्रकार की घटना दुबारा घटित न हो, इसकी विशेष रूप से निगरानी रखें। अगलगी पर रोक लगाने के लिए हर जरूरी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि पर्वत के ऊपर का कुछ हिस्सा केंद्र सरकार के अधीन है। आज कल केंद्र द्वारा कहीं कुछ नहीं किया जा रहा है।

उस हिस्से को भी हमलोगों को अपनी तरफ से ही सुरक्षित रखना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष पुन: यहां मलमास मेला लगने वाला है और यह मान्यता है कि उस दौरान 33 कोटि देवी-देवता यहां वास करते हैं। प्रत्येक तीन वर्ष पर मलमास मेला यहां लगता है। उसके लिए भी सरकार की तरफ से पूरा इंतजाम किया जाता है। कोविड-19 के कारण वर्ष 2020 में मेले का आयोजन नहीं हो सका था इसलिए इस बार मलमास मेले में ज्यादा लोगों के आने की संभावना है।

उन्होंने कहा, हमारी चिंता है कि लोगों को सहूलियत मिले उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगलगी की घटना काफी दुखद है। वर्ष 2009 में वह यहां सात दिनों तक रहकर एक-एक चीज को जाकर देखे थे और उसके बाद हर जरूरी काम करने का तय किया गया ताकि यहां के पर्वतीय क्षेत्र को हरा-भरा बनाया जा सके। इसके लिए यहां के पर्वतों पर हेलीकॉप्टर से बीज का छिड़काव कराया गया। इस प्रकार अगलगी की घटना यहां उन्होंने पहले कभी नहीं सुनी थी।

आग लगने की जानकारी मिलने पर उन्हें काफी तकलीफ हुई है। श्री कुमार ने कहा कि राजगीर देश ही नहीं दुनिया का पौराणिक स्थल है। यहां विकास के अनेक कार्य कराए गए हैं। इस प्रकार की घटना से सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां के पर्वत आयुर्वेदिक दवाइयों एवं जड़ी बूटियों के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। अपने पिताजी के साथ बचपन से वह यहां जड़ी-बूटियों के लिए आया करते थे। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने एवं पर्यटकों को सुविधा मुहैया कराने के लिए यहां कई काम किये गए हैं।

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