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पहले भी ईडी की कार्रवाई पर संकेत दिया था
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सप्रमाण बात कहते हैं तो खंडन का मौका नहीं
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हर ऐसी तोप का मुंह दूसरी तरफ मोड़ देते हैं वह
राष्ट्रीय खबर
रांचीः ईडी ने रांची के पूर्व उपायुक्त सहित कई लोगों के यहां छापा मारा। अपुष्ट तौर पर कई सूचनाएं बाहर आयी लेकिन ईडी की तरफ से किसी भी बात की औपचारिक जानकारी नहीं दी गयी। ईडी की कार्रवाई के निशाने पर दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं, इस बात को लेकर अब संशय की कोई स्थिति नहीं है। उनके करीबी लोगों पर छापा मारकर दरअसल उन्हें ही निशाना बनाना मकसद है।
यह भी स्पष्ट है कि यह कार्रवाई राजनीतिक लाभ के लिए है क्योंकि एक खास सीमा तक जाने के बाद जांच की प्रक्रिया अचानक से धीमी हो जाती है। दूसरी तरफ जमशेदपुर के विधायक सरयू राय अकेले ईडी पर भारी पड़ते जा रहे हैं। इसके पहले भी उन्होंने कई ऐसे सवाल सप्रमाण उठा दिये, जिससे ईडी की तोप का मुंह भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की तरफ चला जाता।
नतीजा था कि जांच का काम बीच रास्ते में ही कहीं खो गया। इस लिहाज से यह भी कहा जा सकता है कि सरकार में शामिल नहीं होने के बाद भी अपने सूचनाओं की बदौलत वह सरकार के सबसे बड़े संकट मोचक बने हुए हैं। दूसरी तरफ भाजपा खेमा को भी इस बात का अफसोस होगा कि ऐसे धुरंधर व्यक्ति को उनलोगों ने अपने खेमा से खो दिया है। जिसका नतीजा बार बार भारतीय जनता पार्टी को भुगतना पड़ रहा है।
इस बार भी उन्होंने ईडी की कार्रवाई के जारी रहने के दौरान ही दो सवाल उठाये हैं। पहले उन्होंने इंजीनियर वीरेंद्र राम के मुद्दे पर एक सवाल किया।
उन्होंने कहा कि वीरेंद्र राम और उनकी पत्नी तथा ठेकेदार लड्डू को आमने सामने बैठाकर ईडी पूछे कि गिरफ़्तारी के तीन दिन पहले कितने लाख की हेराफेरी किसी हल्दिया के हाथों जमशेदपुर में राम-कथा के समय मैडम के आदेश से हुआ? कितना आयोजक प्रमुख जी को/कितना उनके तिवारी जी को मिला?यह काला-धन दाता का था या जिसे दिया उसीका?
यह सवाल फिर से भाजपा के एक खास खेमा को निशाने पर ला देता है। जाहिर सी बात है कि उन्होंने सिर्फ ईडी को सवाल ही नहीं किया है बल्कि उसमें इसका उत्तर भी बता दिया है। जाहिर है कि इससे आगे जांच की गाड़ी आगे बढ़ी तो उसका क्या नतीजा निकलेगा।
श्री राय ने जमीन के हेराफेरी के संबंध में दूसरा ट्विट किया था। उन्होंने कहा था कि राँची में सेना की ज़मीन सहित अनेक भूखंडों की अवैध खरीद-बिक्री/जमाबंदी घोटाला में राँची,जमशेदपुर समेत देश में घोटालेबाज़ों के कुल 22 ठिकानों पर सुबह से ईडी की छापामारी चल रही है. छापामारी की आँच का चुनिन्दा नौकरशाहों और प्रमुख सत्ताधारी राजनेताओें तक पहुँचना 100 प्रतिशत निश्चित है।
इस बात से भी स्पष्ट है कि जो जानकारी जनता को चौक चौराहों पर मिल जाती है, उनमें सच्चाई है। इसलिए इन दो सूचनाओं पर ईडी के लिए अब और आगे बढ़ना शायद कठिन हो जाएगा क्योंकि जांच आगे बढ़ी तो फिर से तोप का मुंह दूसरी तरफ चला जाएगा।