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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव का समय यानी वर्ष आने वाला है। इसलिए यह तय करने का समय कम होता जा रहा है कि अकेले चलना है या साथियों के साथ। तृणमूल खेमे ने साफ कर दिया था कि वह कांग्रेस सहित दूसरे दलों से दूरी बनाकर चुनाव लड़ेगी। पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी के इस एलान के बाद भी पार्टी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है।
इस बैठक के बारे में औपचारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है। सिर्फ यह पता चल रहा है कि इसी हफ्ते यह बैठक श्रीमती गांधी के आवास पर ही हुई है। एक तरफ जहां तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने दिल्ली का दौरा किया और उनके तेवर से कृषि मंत्री गिरिराज सिंह गायब हो गये। दूसरी तरफ डेरेक ओ ब्रायन ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मुलाकात की। सोनिया के 10 जनपथ स्थित आवास पर हुई यह बैठक करीब 40 मिनट तक चर्चा चली। हालांकि बैठक को लेकर कोई भी पक्ष मुंह नहीं खोल रहा है।
दिल्ली में हाल ही में कई बार देखा गया है कि तृणमूल ने कांग्रेस के आह्वान का जवाब नहीं दिया। हालांकि अन्य विपक्षी दलों ने उनके निमंत्रण का जवाब दिया है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति बार-बार सुस्पष्ट रही है।
हालांकि, बुधवार अपवाद रहा। राज्यसभा सांसद और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के कक्ष में हुई बैठक में कई विपक्षी नेता मौजूद थे। संसद के सत्र में उनकी स्थिति क्या होगी, इस पर चर्चा चल रही है। कांग्रेस द्वारा बुलाई गई बैठक में डीएमके, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव बाल ठाकरे), आम आदमी पार्टी, जेडीयू, माकपा, भाकपा, राजद और झामुमो के अलावा आरएसपी के साथ साथ तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने भाग लिया।
गत 17 मार्च को कालीघाट में तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की अगुवाई में हुई बैठक के बाद पार्टी सांसद सुदीप बनर्जी और राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने साफ कर दिया कि कांग्रेस को विपक्ष का बिग बॉस नहीं माना जाएगा। तृणमूल नेतृत्व ने साफ कर दिया कि पार्टी कांग्रेस के साथ काम नहीं करेगी, भले ही वह अन्य विपक्षी दलों के साथ क्यों न हो। लेकिन मिलने की खबर महीने भर पहले आ गई! लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक समीकरण को लेकर एक बार फिर कयास तेज हो गए हैं। बंगाल में कुश्ती और दिल्ली में दोस्ती का राज अब तक स्पष्ट नहीं हो रहा है।