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वर्ष 2005 मे ही पंजीयन कराया था
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पुलिस ने पहले मामलों को नजरअंदाज किया
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प्रेमल मेहता के कार्यालय का नाम भी आया है
राष्ट्रीय खबर
नईदिल्लीः सीबीआई द्वारा कश्मीर में गिरफ्तार किये गये ठग के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद यह मामला पेचिदा हो गया है। इस बीच पहली बार यह जानकारी भी सामने आयी है कि किरण पटेल के मामले की जांच में अचानक गुजरात एटीएस सक्रिय हो गया है।
इस सक्रियता के पीछे यह बताया गया है कि उसने गुजरात में भी कई लोगों से ठगी की है। वैसे गिरफ्तार व्यक्ति की पत्नी ने अपने पति को निर्दोष बताया है और कहा है कि वह किसी साजिश के शिकार हो गये हैं। इसी वजह से इस मामले में भी बंटी और बबली फिल्म का वह डॉयलॉग चर्चा में आ गया है, जिसमें कहा गया था,
ऐसा कोई सगा नहीं, जिसके इसने ठगा नहीं।
सीबीआई ने उसके खिलाफ पीएमओ के नाम पर एक वेबसाइट बनाकर वहां पर पीएमओ नाम का उल्लेख करते हुए तीन ईमेल आईडी तैयार किया था। इन्हीं ईमेलों से सरकारी अधिकारियों को पत्र भेजे जाने का आरोप लगा है। सीबीआई के एक अधिकारी ने नाम नही बताने की शर्त पर कहा कि वहां पर प्रदीप.एस, हेतल-गांधी और इंद्रदीप.घोष के नाम पर यह ईमेल आईडी बनाये गये थे। जिनका इस्तेमाल किया गया था।
दूसरी तरफ दूसरे जानकार इस पूरे मामले के गुजरात कनेक्शन का हवाला देते हुए यह दावा कर रहे हैं कि इस पीएमओ.इन को किसी प्रेमल मेहता के कार्यालय के नाम पर रजिस्टर किया गया था। यह कोई नई बात नहीं है बल्कि यह पंजीयन 22 फरवरी 2005 को किया गया था। यह प्रेम मेहता का कार्यालय क्या है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
दूसरी तरफ गुजरात से पता चला है कि अहमदाबाद, वड़ोदरा और उत्तरी गुजरात में भी उसने लोगों से धोखा कर पैसे ऐठे थे। अब लोग इस बारे में खुलकर बोलने लगे हैं वरना पहले लोग उसे सही में प्रधानमंत्री कार्यालय का व्यक्ति समझकर चुप्पी साध गये थे। इन सभी इलाकों में उसके खिलाफ करीब पांच करोड़ की ठगी के मामले दर्ज हैं।
वैसे उसकी गिरफ्तारी के बाद यह सवाल भी उठ रहा है कि इतने सारे मामले दर्ज होने के बाद भी गुजरात पुलिस ने अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की थी। जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाते ही गुजरात एटीएस उसे अपने कब्जे में लेने के लिए इतनी बेसब्र क्यों हो गयी है।
वर्ष 2017 में उसने गुजरात के एक पुलिस वाले के रिश्तेदार से भी एक करोड़ की ठगी कर ली थी पर मामला दबा रहा था। लोगों ने बताया कि जी 20 सम्मेलन के लिए उसने गुजरात में एक कार्यक्रम का आयोजन भी जनवरी माह में किया था। इस कार्यक्रम में भी अनेक बड़े लोग शामिल हुए थे। उसके पास से बरामद विजिटिंग कार्ड में मीना बाग, नईदिल्ली का पता है।