पुलिस मुख्यालय में अब कई किस्म की चर्चाएं हावी
आर एस भट्टी के पदभार संभालने के बाद ही महत्वपूर्ण फाइलें है पेंडिंग

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सुरक्षा गार्ड के ड्रेस पर भी उठ गये सवाल
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वरीय अधिकारी इस किस्म की शैली से नाखुश
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परीक्षा संबंधी बैठक करने से कर दिया इंकार
दीपक नौरंगी
पटना: बिहार में इन दिनों पुलिस महकमे के मुखिया डीजीपी आर एस भट्टी के पदभार ग्रहण करने के बाद आईएएस और आईपीएस महकमें में यह चर्चा होने लगी है कि बिहार के सरदार पटेल भवन में कई महत्वपूर्ण फाइल बिहार के वर्तमान डीजीपी आर एस भट्टी के टेबल पर पेंडिंग पड़ी है।
आखिर इस पूरे मामले की क्या सच्चाई है यह बता पाना कठिन है लेकिन वर्तमान डीजीपी आर एस भट्टी की कार्यशैली से सरदार पटेल भवन में तैनात सभी वरीय पुलिस पदाधिकारी पूरी तरीके से संतुष्ट नहीं देखे जा रहे हैं।
जिसको लेकर राज्य सरकार के मुखिया नीतीश कुमार को मामले को गंभीरता से लेना चाहिए कि मामला आगे और ज्यादा ना बिगड़े इसके लिए सरदार पटेल भवन में वर्तमान डीजीपी की कार्यशैली कितनी बेहतर और अच्छी है और किन कारणों से सवाल उठ रहा है और चर्चाएं हो रही है ऐसे गंभीर बिंदु पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
बिहार में इससे पहले जितने भी बिहार पुलिस के मुखिया के पद पर रहे हैं उनके द्वारा सुरक्षा गार्ड जो सुरक्षाकर्मी की पोशाक प्रायः पुलिस की ही रहती थी लेकिन वर्तमान डीजीपी आर एस भट्टी के सुरक्षा गार्ड ने जो पोशाक पहन रखी है वैसी पोशाक बिहार के मुख्यमंत्री के सुरक्षा में तैनात कर्मी जैसी ही पोशाक है।
इसको लेकर डीजीपी आर एस भट्टी के बारे में बताया जाता है इन्होंने डीजीपी का रुतबा और पद की गरिमा को बनाया है। दूसरी तरफ इसको लेकर कई तरह की नेगेटिव सुर्खियां हैं। कई चर्चित आईपीएस जो रिटायर कर गए हैं वे वर्तमान डीजीपी के सुरक्षा कर्मी की पोशाक को लेकर कई तरह की चर्चा करते देखे जा रहे हैं।
ऐसे में बिहार के वर्तमान डीजीपी पहली बार जब सुर्खियों में आए थे कि जब उन्होंने डीजीपी का पदभार ग्रहण किया तो अपर पुलिस महानिदेशक रैंक के वरीय पुलिस पदाधिकारी को मिलने के लिए उनसे अनुमति लेनी पड़ेगी। वर्तमान समय तक डीजीपी से मिलने के लिए अपर पुलिस महानिदेशक रैंक के अधिकारी को डीजीपी के कार्यालय के बाहर इंतजार करना पड़ता है।
यह मुद्दा काफी विवादों और सुर्खियां में बना हुआ है। अभी तक जिले के एसएसपी और एसपी के साथ में पुलिस मुख्यालय का सीधा संवाद नहीं देखा गया है। बताया जाता है कि वर्तमान डीजीपी आर एस भट्टी साहब के द्वारा रेंज में तैनात डीआईजी और आईजी के साथ ऑनलाइन बैठक की जा रही है।
डीजीपी आरएस भट्टी ने जब पदभार संभाला था तो दो दिनों के बाद रेंज के सभी डीआईजी और आईजी के साथ-साथ एक बैठक पुलिस मुख्यालय में की थी। उस बैठक में सभी रेंज के डीआईजी और आई जी स्वयं मौजूद थे बिहार पुलिस दिवस का कार्य वर्तमान डीजीपी के द्वारा बेहतर तरीके से किया गया।
इसमें डीजीपी आर एस भट्टी की प्रशंसा भी देखी गई है। बताया जाता है हाल फिलहाल पुलिस मुख्यालय में कई ऐसी महत्वपूर्ण फाइल है जो बिना डीजीपी के बिना उन फाइलों में किसी प्रकार का भी अंतिम निर्णय लेना मुश्किल है। बताया जाता है कई फाइलें वर्तमान डीजीपी के टेबल पर पेंडिंग पड़ी है जिसमें डीजीपी को ही उन फाइलों में अपना अंतिम निर्णय लेना है।
हाल फिलहाल बिहार कर्मचारी चयन के आयोग के अध्यक्ष रविंद्र कुमार के द्वारा बिहार अपर चयन सेवा आयोग की परीक्षा के लिए बिहार के सभी एसएसपी और एसपी के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करना चाहते थे।
आईएएस और आईपीएस महकमे में चर्चा है कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष खुद डीजीपी आर एस भट्टी से मिलते हैं और उनको कहते हैं कि मुझे सभी एसपी और एसएसपी के साथ परीक्षा को लेकर बैठक करनी है जो कि पूरे बिहार में छात्र-छात्राओं की संख्या करीब तीन लाख है जिन्हें परीक्षा में शामिल होना है।
दो बार रिक्वेस्ट करने के बाद भी बिहार के डीजीपी भट्टी साहब ने बिहार कर्मचारी चयन के आयोग के अध्यक्ष रविंद्र कुमार की बात नहीं मानी और उनको कहा कि आप रेंज के डीआईजी और आईजी के साथ बैठक कर लीजिए। अपने कार्यकाल में तेज तरार और सीनियर आईपीएस रहे रविंद्र कुमार भी अपनी बात पर अडिग थे।
वह मामला राज्य सरकार के मुखिया नीतीश कुमार तक पहुंचाने में कारगर साबित हुए जिसके कारण यह बैठक चीफ सेक्रेटरी को सभी डीएम सभी रेंज के डीआईजी एवं आईजी और एसपी और एसएसपी के साथ करनी पड़ी।
इसको लेकर होली मिलन समारोह के दौरान बीएमपी पांच में बिहार के डीजीपी आर एस भट्टी साहब ने खूब सुर्खियां बटोरी है। अब देखना है कि आने वाले समय में सरदार पटेल भवन में डीजीपी आर एस भट्टी की कार्यशैली और उनके द्वारा लिए गए निर्णय से वहां के वरीय पुलिस पदाधिकारी कितने सहमत और संतुष्ट होते हैं यह तो आने वाला समय बताएगा