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तमिलनाडू में मारपीट की घटना की सच्चाई सामने आयी, देखेे वीडियो

  • बिहार में इस सूचना के बाद आतंक का माहौल

  • स्थानीय पुलिस ने पहले ही कहा था फर्जी सूचना है

  • झारखंड के युवक ने खुद कबूला कि उसने गलती की है

राष्ट्रीय खबर

चेन्नईः बिहारी मजदूरों की हत्या और मारपीट के मामले में तमिलनाडू पुलिस ने जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, वह झारखंड का निवासी है। पूरे मामले की जांच के बाद स्थानीय पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि सबसे पहले इसी युवक ने वीडियो अपलोड किया था। जिसके बाद एक के बाद एक कई इसी तरह के फर्जी वीडियो अचानक से अपलोड किये गये। इससे बिहारी श्रमिकों में आतंक का माहौल कायम हो गया था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी यहां के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से इस बारे में बात चीत की थी।

पुलिस ने इस मामले में यह वीडियो जारी किया है

दूसरी तरफ अफवाह और फर्जी वीडियो अपलोड करने के मामले में यूपी भाजपा के एक नेता, पटना के एक दैनिक के संपादक तथा एक बेवसाइट संचालक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले बिहार की पुलिस ने भी अपने यहां ऐसी फर्जी खबर फैलाने के लिए एक युवक को गिरफ्तार कर लिया था।

तमिलनाडु सरकार ने पहले कहा था कि इस घटना को लेकर जो वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया वह फर्जी वीडियो था। हालांकि, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के मजदूरों में डर फैल गया। राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी व्यापक चर्चा है। लेकिन अंत में तमिलनाडु पुलिस ने कहा कि तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों को पीटने की कोई घटना नहीं हुई है।

इस बीच जो मजदूर वहां से लौटे हैं, वे होली के मौके पर अपन गांव गये हैं। पूरे मामले की गहन जांच के बाद तमिलनाडु पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है। वह झारखंड का रहने वाला है। आरोपी का नाम मनोज यादव है। हालांकि, यह नहीं बताया गया है कि वह किस जिले का रहने वाला है।

उसने कथित तौर पर वीडियो फैलाया। इस बीच सोशल मीडिया पर दो वीडियो वायरल हुए। वीडियो के बारे में दावा किया गया था कि यह एक कोयंबटूर और दूसरा तिरुपुर जिले का है। दावा किया गया कि तमिलनाडु में काम करने गए बिहार और झारखंड के श्रमिकों को वहां पीटा गया। मनोज को वहां यह कहते हुए सुना जा सकता है कि तमिलनाडु में हिंदी बोलने के लिए प्रवासी श्रमिकों को मार दिया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार से मदद मांगी।

वीडियो में यह देखने को मिला। इसी बीच वह वीडियो सोशल मीडिया पर फैल गया। इसके बाद प्रवासी मजदूरों में दहशत फैल गई। स्थिति यहां तक ​​पहुंच गई है कि तमिलनाडु के कई प्रवासी श्रमिक घर लौटने की कोशिश कर रहे हैं। इससे तमिलनाडु में मुख्य रूप से लघु उद्योगों में उत्पादन में दिक्कत आने की आशंका है। मनोज ने पकड़े जाने के बाद पुलिस के सामने एक विस्फोटक कबूलनामा किया है।

तमिलनाडु पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मनोज ने कहा कि नाम कमाने के लिए उसने और उसके दोस्तों ने उन्हें सर्कुलेट किया था। तांबरम पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इसके साथ ही मनोज ने पुलिस को बताया कि वह पिछले 26 साल से तमिलनाडु में रह रहा है।

उन्होंने कभी किसी समस्या का सामना नहीं किया। उन्होंने लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसा किया। उन्होंने पुलिस से माफी भी मांगी। हालांकि, आरोप है कि उन्होंने इस सोशल मीडिया पर रातों-रात मशहूर होकर हजारों प्रवासी कामगारों को मुसीबत में डाल दिया है। हालांकि, तमिलनाडु के पुलिस अधिकारियों ने पहले ही इस वीडियो के फर्जी होने की जानकारी दे दी थी। लेकिन अब उस वीडियो के पीछे की असल सच्चाई सामने आ गई।

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