विपक्ष के कई प्रमुख दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में अनेक उदाहरण देते हुए कहा गया है कि दरअसल सरकार अब तमाम केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग सिर्फ अपने विरोधियों को सबक सीखाने और राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है।
इस पत्र लिखने में कांग्रेस शामिल नहीं है। वैसे भाजपा को अगर यह रास्ता दिख रहा है तो वह राह भी कांग्रेस की दिखाई हुई है। कांग्रेस ने भी कभी केंद्रीय एजेंसियों का इसी तरीके से दुरुपयोग किया था।
उधर विदेश की जमीन पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि वर्तमान सरकार के काम काज के तरीकों से भारत में लोकतंत्र को चोट पहुंच रही है। भाजपा वालों को राहुल गांधी की यह बात नागवार भले गुजरे लेकिन जो आरोप वह लगा रहे हैं, उसकी नींव तो खुद नरेंद्र मोदी ने अपने विदेश दौरों के दौरान रखी थी।
अब वही परंपरा दूसरे भी निभा रहे हैं। वैसे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेशी से मोदी सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने लंदन में दावा किया है कि मोदी सरकार में लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है।
राहुल गांधी लंदन में इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के कार्यक्रम में भाजपा के उन आरोपों को पलटवार कर रहे थे, जिसमें उन पर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर चीन के खतरे को नहीं समझते हैं।
राहुल गांधी ने दावा किया कि लद्दाख में भारत का लगभग 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र चीनी कब्जे में चला गया है। उन्होंने कहा कि मैं दोहराता रहता हूं कि चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है, लेकिन, सरकार पूरी तरह से इससे इनकार कर रही है। यह खतरनाक है।
उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भारत जोड़ो यात्रा इसलिए आवश्यक हो गई, क्योंकि हमारे लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। मीडिया, संस्थागत ढांचे, न्यायपालिका और संसद सभी पर हमले हो रहे हैं। हमें अपनी आवाज और लोगों की आवाज को सामान्य चैनलों के माध्यम से रखने में बहुत मुश्किल हो रही है।
यह आधुनिक भारत में पहले कभी नहीं देखा गया है। राहुल ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा की तुलना तीन दशक पुरानी भाजपा की रथ यात्रा से की। उन्होंने कहा भाजपा की भी रथ यात्रा थी, एक अंतर है। उस यात्रा का केंद्र एक रथ था, जो राजा का प्रतीक है। हमारा रथ लोगों को जुटा रहा था और गले लगा रहा था।
उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है। भारत जोड़ो यात्रा में यह देखने को मिला, लेकिन मीडिया इसके बारे में नहीं दिखाएगी। इस यात्रा में बहुत अंडर करंट था। उन्होंने कहा कि हम संस्थागत ढांचे से लड़ रहे हैं। आरएसएस और भाजपा ने उन जांच एजेंसियों को अपने कब्जे में ले लिया है जिन्हें तटस्थ रहना चाहिए।
भाजपा के खिलाफ एकजुट हो रहा है विपक्ष के सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी दलों के साथ काफी तालमेल है। बातचीत चल रही है। मैं उनमें से कई के बारे में जानता हूं।
भारत में मीडिया की कार्यशैली पर पूछे गए सवाल के जवाब पर राहुल गांधी ने कहा कि जन लामबंदी बहुत शक्तिशाली है। इसलिए भारत में तानाशाही सोच स्थायी तौर पर कायम नहीं रह सकती है। इधर विपक्ष के नेताओं का पत्र भी इन्हीं बातों को रेखांकित करता है।
ऐसा तब हो रहा है जबकि सीबीआई बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ कर रही है। ईडी की छापामारी के बाद एक वीडियो के लीक होने की वजह से झारखंड के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का तबादला कर दिया गया है। इस वीडियो के जारी होने का स्रोत स्पष्ट नहीं है लेकिन इतना तो समझा ही जा सकता है कि जिस किसी ने भी यह वीडियो तैयार किया है, वह विशाल चौधरी के कार्यालय में मौजूद रहा होगा।
अब उसने यह वीडियो किसे दिया और किस माध्यम से यह सोशल मीडिया में आया, यह अलग बात है। इसलिए दोनों तरफ की खेमाबंदी के बीच अब भाजपा को सबसे अधिक परेशानी पंजाब मे आम आदमी पार्टी की सरकार से होने लगी है।
जब कभी भी वहां की पुलिस मुंह उठाकर दिल्ली में किसी भाजपा नेता को गिरफ्तार करने आ पहुंचती है। अब तमिलनाडू में बिहारी मजदूरों से मार पीट का फर्जी वीडियो जारी करने के आरोप में यूपी के एक भाजपा नेता पर दर्ज मुकदमा तमिलनाडू पुलिस को भी उत्तर प्रदेश भेजने वाली है।
इससे पहले हमलोगों ने देखा है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस के दिल्ली पहुंचने पर क्या कुछ हुआ था। इसलिए यह शह मात का खेल अब तेज होने लगा है।