चुनावमुख्य समाचारराजनीति

इस बार पैदल मार्च पूरब से पश्चिम तक

भाजपा और केंद्र सरकार को दबाव में रखने की नई कवायद

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से उत्साहित कांग्रेस अपने इस कार्यक्रम को जारी रखना चाहती है। दरअसल कन्याकुमारी से श्रीनगर तक पैदल चलने वालों के अलावा रास्ते में लाखों लोगों की भागीदारी ने भी कांग्रेस का उत्साह बढ़ा दिया है। इसलिए अब अरुणाचल से गुजरात तक यानी पूरब से पश्चिम तक की यात्रा होने जा रही है।

भारत जोड़ो यात्रा करीब एक महीने पहले खत्म हो चुकी है। कांग्रेस नेतृत्व ने इस मार्च को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी के नेतृत्व में एक सफलता के रूप में देख रहा है।

हाल के दिनों में राहुल गांधी ने अपनी इस यात्रा तथा बाद में लोकसभा में जिस तरीके से नरेंद्र मोदी पर अडाणी प्रकरण तथा दूसरे मुद्दों पर हमला किया है, उस तेवर को अभी जारी रखने की कोशिश हो रही है। इसी वजह से सौ साल से अधिक पुरानी पार्टी एक और मार्च करने की सोच रही है।

इस बार कांग्रेस ने देश के पूर्व से पश्चिम की ओर मार्च निकालने की योजना बनाई है. यह बात पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने रविवार को कही।

भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत पिछले साल सात सितंबर को कन्याकुमारी से हुई थी। 146 दिनों की यह यात्रा 31 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त हुई। राहुल इस सफर में सबसे आगे थे। देश को एक सूत्र में बांधने के लिए कांग्रेस ने यह कार्यक्रम किया। जैसे-जैसे दिन बीतते गए, कांग्रेस नेतृत्व को इस यात्रा पर और प्रतिक्रिया मिलती गई।

राहुल के साथ कई गणमान्य लोग चल चुके हैं। समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने हाथ मिलाया है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल के कार्यक्रम ने राजनीतिक खेमों का ध्यान खींचा है। इस यात्रा की सफलता के बाद इस बार कांग्रेस नेतृत्व ने देश के पूर्व से पश्चिम तक एक और पदयात्रा कार्यक्रम के बारे में सोचा है।

पार्टी के मुताबिक यात्रा अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से गुजरात के पोरबंदर तक होगी। हालांकि अभी तक इस यात्रा के नाम की घोषणा नहीं की गई है। जयराम ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत जोड़ो यात्रा से अलग होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साह है।

उन्होंने यहां तक कहा कि वह खुद भी यह कार्यक्रम चाहते हैं। लेकिन पूर्व-पश्चिम की यात्रा पहले वाली यात्रा से बिल्कुल अलग होगी।

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि इस यात्रा के शुरू होने की तारीख अभी तय नहीं हुई है। अभी के लिए सब कुछ सोच के स्तर पर है लेकिन इतना तय है कि भाजपा के प्रचार को थामे रखने तथा देश के मोदी विरोधी मूड को बनाये रखने के लिए ऐसी यात्रा के माध्यम से सीधे जनता तक पहुंच बनाने की योजना कारगर साबित हुई है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button