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इजरायली कंपनी की गतिविधियों पर जवाब दें मोदी: कांग्रेस

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि देश के लोकतांत्र को कमजोर करने के लिए इजरायल की एक कंपनी की संलिप्तता उजागर होने की बात बहुत गंभीर है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर देश को जवाब देना चाहिए।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा तथा पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि इजराइल की एक निजी कंपनी ने भारत सहित 30 देशों में हैकिंग, सोशल मीडिया के जरिए दुष्प्रचार करने और चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का काम किया है और इससे देश का लोकतंत्र प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल कंसोर्सियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्टजे-आईसीजे की एक रिपोर्ट में यह खुलाशा हुआ है जिसे आईसीजे ने द गार्जियन अखबार की रिपोर्ट के रूप में पेश  किया है। रिपोर्ट के अनुसार इजराइल की इस कंपनी ने जिन 30 देशों में लोकतांत्रिक प्रणाली को प्रभावित करने का काम किया है जिनमें भारत भी शामिल है।

श्रीमती श्रीनेत ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार लगातार अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ मिलकर ऐसा काम कर रही है जिससे लोकतंत्र का हनन होता है। मोदी सरकार लगातार विदेशी कंपनियों की साजिश में शामिल होकर लोकतंत्र को कमजोर करने का काम कर रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि इस सरकार ने पहले पेगासस से मिलकर जजों, विपक्षी नेताओं तथा अन्य प्रमुख लोगों की जासूसी कराई, उनके फोन टैप किए और अब जो मामला सामने आया है वह एक इजरायली कंपनी का है जिसने 30 देशों में लोकतंत्र की प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ किया है। झूठा प्रचार चलाया है और सोशल मीडिया के माध्यम से लोकतंत्र को प्रभावित किया है।

श्रीमती श्रीनेत कहा, इसराइल की इस कंपनी द्वारा एक, दो नही बल्कि 30 देशों के लोकतंत्र को प्रभावित करने का मामला सामने आया है।  जिन देशों के नाम सामने आया है उनमें सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था वाला हमारा देश भी एक है।

हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली को भी इस कंपनी ने दुष्प्रचार अफवाह और नकली खबरों को सोशल मीडिया पर प्रसारित कर चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में चुप नहीं रहना चाहिए।

उन्हें जनता के सवालों का जवाब देकर बताना चाहिए कि इस कंपनी से किस ने संपर्क किया। ऐसी कौन सी स्थिति पैदा हो गई थी जिसकी वजह से सरकार को लोकतंत्र से खिलवाड़ करने वाली इजराइल की निजी कंपनी के साथ संपर्क करना पड़ा।

इस बीच कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भी एक वीडियो जारी करके पूछा कि जिस तरह से देश की सत्ताधारी पार्टी विदेशी कंपनियों और विदेशी एजेंसियों के साथ लोकतंत्र का अपहरण कर रही है वह दिल को दहलाने वाली बात है।

उनका कहना था कि इजरायल की एक कंपनी के बारे में पार्टी ने प्रेस ब्रींिफग की और सवाल उठाया की क्यों श्री मोदी विदेशों में जाकर अपने देश की निंदा करते हैं। उन्होंने आरोप लगया, पेगासस तथा अन्य इजरायली कंपनियों के साथ देश की चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं तब उन्हें विदेशी कंपनियों से देश को खतरा नजर नहीं आता लेकिन बीबीसी की डॉक्युमेंट्री से वह देश को खतरा मानते हैं।

बीबीसी के कार्यालयों पर छापे मरवाते है। यह लोकतंत्र पर सवालिया निशान है और यह सवाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से देश के लोकतंत्र पर उठ रहा है। जिस तरह से देश का माहौल बनाया जा रहा है उसे देखते हुए आसानी से खा जा सकता है कि ज्यादा दिन तक देश का लोकतंत्र जिंदा नहीं रह सकता है।

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