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जमैका ने हैती को सैन्य सहायता देने की पेशकश की

किंगस्टनः जमैका के प्रधानमंत्री एंड्र्यू होलनेस ने पड़ोसी देश हैती को सैनिक सहायता देने क पेशकश की है। उन्होंने कहा है कि अगर हैती चाहे तो वह अपने देश की सेना को वहां की स्थिति के नियंत्रण के लिए भेज सकते हैं।

दरअसल हथियारबंद विद्रोहियों के हमलों के कारण हैती की सेना परेशान हैं। वैसे भी आर्थिक तौर पर बहुत ही कमजोर होने की वजह से अभी हैती के अपने पास इन विद्रोहियों के निपटने के लायक सैन्य साधन नहीं है।

दूसरी तरफ हथियारबंद अपराधियों के एक सशक्त गिरोह ने वहां से तेल पर कब्जा कर रखा है। इस बारे में संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यह देश टूटने के कगार तक आ पहुंचा है।

फ्रांस की दासता से मुक्त होने के बाद से ही हैती आर्थिक तौर पर कमजोर हो गया था। फ्रांस को इसकी भरपाई करने के लिए तैयार नहीं कराया जा सका है। इस वजह से वहां की गरीबी ने अनेक किस्म की परेशानियों को जन्म दिया है। इसमें अपराध सबसे बड़ी चुनौती है।

जमैका के प्रधानमंत्री ने वहां की हालत देखने के बाद कहा है कि शायद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी वहां की स्थिति और चुनौतियों को समझते हुए अंतर्राष्ट्रीय सेना भेजने का फैसला लेगा। यूक्रेन में बहुत अधिक रूचि लेने वाले कई देश हैती की इस स्थिति पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इनमें अमेरिका और कनाडा शामिल है।

जमैका के प्रधानमंत्री ने कहा कि अब आस पास के देशों के बीच ही इस पर बैठक कर सैन्य तैनाती का फैसला लेना पड़ेगा ताकि वहां के लोगों को जिंदगी जीने का न्यूनतम मौका मिल सके। हैती के राष्ट्रपति की हत्या के बाद से ही वहां की राजनीतिक स्थिति डांवाडोल है।

वहां इनदिनों हथियारबंद अपराधियों का समानांतर शासन कायम हो गया है। कई इलाके ऐसे हैं, जहां सरकारी सेना जा नहीं पा रही है। वहां के सबसे ताकतवर गिरोह के नेता जिम्मी चेरिजियर ने कहा है कि वह भी तेल के डिपो पर से अपना कब्जा तभी हटायेंगे जब उन्हें राजनीति में सही स्थान दिया जाए। विकसित देशों से कोई मदद नहीं मिलते देख जमैका ने अपनी तरफ से हैती को यह प्रस्ताव दिया है।

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