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भारत ने इस सतत विकास को बढ़ावा दियाः सर्वानंद सोनोवाल

  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय समाधानों पर चर्चा

  • विभिन्न देशों के सौ से अधिक प्रतिनिधि हुए शामिल

  • स्वच्छ और हरी भरी पृथ्वी के लिए काम करने की बात

भूपेन गोस्वामी

गुवाहाटी:  असम में केंद्रीय पत्‍तन, पोत परिवहन, जलमार्ग और आयुष मंत्री  सर्बानंद सोनोवाल के दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करने के साथ ही यहां जी20 की पहली बैठक बृहस्पतिवार को शुरू हुई। इस बैठक में सतत अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय समाधानों पर चर्चा की गई है।

उन्होंने हालांकि इस बात पर भी जोर दिया कि स्थिरता व जलवायु संबंधी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए भारी मात्रा में वित्तीय संसाधनों और निवेश की आवश्यकता है। सोनोवाल ने जी-20 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से सतत जीवन शैली को एक जन आंदोलन बनाने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने का आग्रह किया।

आज सुबह गुवाहाटी में जी-20 की पहली सतत वित्‍तीय कार्य समूह की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि दुनिया को एक स्वच्छ और हरी-भरी पृथ्‍वी के लिए काम करना चाहिए। उन्‍होंने सभी से कार्बन उत्‍सर्जन को कम करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि भारत ने अपने राष्ट्रीय विकास के लिए सतत विकास को अपनाया और बढ़ावा दिया है।

मीडिया से बातचीत करते हुए सोनोवाल ने कहा कि दुनिया को भारत की समृद्ध विरासत से परिचयन कराने के लिए जी-20 की अध्यक्षता हमारे लिए एक गौरवशाली अवसर है।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन ने हमारे समक्ष कड़ी चुनौती पैदा कर दी है। इस वैश्विक मुद्दे का हल ढूंढने में इस विचार-विमर्श से निश्चित रूप से रास्ता निकलेगा।

सोनोवाल ने कहा, दुनिया मूलभूत वैश्विक प्रणालियों के कमजोर पड़ने के कारण परेशान है, जिन्हें कोविड-19 वैश्विक महामारी ने काफी हद तक उजागर किया है, ऐसे में भारत की जी20 अध्यक्षता संयुक्त राष्ट्र 2030 सतत विकास लक्ष्यों (एसीडडीजी) को हासिल करने की प्रक्रिया के मध्यबिंदु पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर है।

यह हमारे राष्ट्र के लिए एक मौलिक मानसिकता बदलने और सामूहिक रूप से तथा एक साथ काम करके मानवता को फायदा पहुंचाने का सबसे उपयुक्त अवसर है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस दो दिवसीय बैठक में हम जलवायु परिवर्तन से निपटने में आने वाली वित्‍तीय कठिनाईयों की पहचान करने और विश्व हित में समान विकास करने के लिए प्रयास करेंगे। श्री सोनोवाल ने कहा कि यह बैठक इसके लिए धन जुटाने के लिए स्थायी श्रोत का रोडमैप तैयार करेगी। बैठक में जी-20 के सदस्य देशों, अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 100 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। दो दिवसीय बैठक में चार सत्र होंगे।

कई विदेशी प्रतिनिधियों ने कल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य, गोरभंगा आरक्षित वन, ब्रह्मपुत्र नदी द्वीप और ब्रह्मपुत्र विरासत केंद्र जैसे कई महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा किया।

प्रतिनिधियों को दो दिनों की बैठक के दौरान योग सत्र सहित असम की समृद्ध विरासत और परंपरा को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी आमंत्रित किया गया है।असम से नाता रखने वाले केंद्रीय मंत्री ने जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों से निपटने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सतत विकास के लिए भारत सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों को भी रेखांकित किया।

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