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जवान बेटे ने अपनी विधवा मां की शादी करायी

  • पिता की मौत के बाद मां के अकेलेपन को समझा

  • इस काम को पूरा करने में मित्रों ने भी साथ दिया

  • मां को खुश देखकर युवराज भी अब प्रसन्न है

राष्ट्रीय खबर

मुंबईः कोल्हापुर के 23 वर्षीय युवक युवराज शेले ने एक नया कमाल कर दिखाया है। उसने अपने ही निरंतर प्रयासों की बदौलत अपनी मां रत्ना की दोबारा शादी करायी है। वैसे इस काम को करने के लिए उस युवक को अपनी मां, परिवार- रिश्तेदार तथा दूसरो का काफी विरोध झेलना पड़ा था।

इसके बाद भी वह अंततः अपने मकसद में कामयाब रहा और अब वह अपनी मां के चेहरे पर हंसी देखकर खुश है। दरअसल करीब पांच साल पहले उसके पिता की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी। उस समय शेले की उम्र करीब 18 साल की थी।

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बेटी ने अपनी मां की शादी पच्चीस साल बाद करायी

उसने कहा कि इस हादसे के बाद ही बहुत कुछ बदल गया था। उसके मुताबिक पिता की मौत उसके लिए एक बहुत बड़ा धक्का था लेकिन कुछ दिनों के बाद उसने महसूस किया कि इस हादसे ने मेरी मां को अचानक समाज से अलग थलग कर दिया है। वह सामाजिक तौर पर कट गयी थीं और अकेलेपन में इस चुनौती का सामना कर रही थी।

शेले ने महसूस किया कि पिता की मौत के बाद उनकी मां को सामाजिक कार्यक्रमों में आमंत्रित किए जाने की संख्या में काफी अंतर आ गया और इसने उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित किया।

शेले जब अपने परिवार का गुजारा करने लगा, तब उसे अपनी मां के लिए एक जीवनसाथी की जरूरत का अहसास हुआ क्योंकि वह पड़ोसियों के साथ कम बातचीत करती थी और घर पर अकेली रहती थी। युवक के मुताबिक पुराने सामाजिक आचरणों वाले कोल्हापुर जैसे शहर में अपने करीबी रिश्तेदारों और पड़ोसियों को मनाना आसान नहीं था।

हालांकि, शेले ने कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद से अपनी मां के लिए वर ढूंढ़ने का कठिन काम शुरू किया। उसने बताया कि मारूति घनवत के बारे में इसी क्रम में किसी माध्यम से जानकारी मिली थी। उसके साथ संपर्क किया गया और बेटे द्वारा मां की दोबारा शादी का प्रस्ताव सुनकर वह खुद हैरान हो गये थे।

बाद में उन्होंने इस पर अपनी सहमति दे दी। अब मां की शादी होने के बाद वह कहता है कि यह मेरे लिए एक विशेष दिन है, क्योंकि मैं अपनी मां के लिए नया जीवनसाथी ढूंढ पाया। घनवत ने बताया, रत्ना से मिलने और उससे बात करने के बाद मुझे लगा कि मैं इस परिवार के साथ रह सकता हूं और वे सच्चे लोग हैं। रत्ना के लिए पुनर्विवाह एक कठिन निर्णय था, क्योंकि वह अपने पूर्व पति को भूलने के लिए तैयार नहीं थी।

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