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नईदिल्ली: पंजाब की आप सरकार ने दिल्ली के शिक्षा के मॉडल को लागू करने का काम प्रारंभ कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने औपचारिक तौर पर इसकी शुरूआत की है। इस परियोजना को स्कूल्स आॅफ एमिनेंस का नाम दिया गया है।
इसके तहत पहले चरण में 117 सरकारी स्कूलों को इसके दायरे में लाया गया है। इन स्कूलों में कक्षा नौ से कक्षा 12 तक के छात्रों को दिल्ली की तर्ज पर पढ़ाया जाएगा। इन स्कूलों में प्रति कक्षा में 35 छात्रों पर एक शिक्षक होगा। इन स्कूलों में अंग्रेजी और फ्रेंच भाषा की पढ़ाई होगी।
इसके साथ साथ इन छात्रों को जीव विज्ञान में स्टेम तकनीक से लेकर इलेक्ट्रानिक्स में रोबोटिक्स लैब तक का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इन सभी स्कूलों में ठीक दिल्ली की तर्ज पर स्वीमिंग पुलों का भी निर्माण किया जाएगा।
इसके साथ साथ इन स्कूलों के छात्रों को उनकी इच्छा के आधार पर मुफ्त कोचिंग भी प्रदान की जाएगी। जो बच्चे किसी खास पेशा में जाना चाहेंगे, उन्हें संबंधित विषयों पर बेहतर जानकारी अलग से दी जाएगी। हर स्कूल में खेल के इंतजाम के साथ साथ कमसे कम तीन खेलों के प्रशिक्षक भी होंगे। वैसे पंजाब के लिए हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी और वॉलीबाल को इस सूची में रखा गया है।
यह माना जा रहा है कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जिस तरीके से दिल्ली की शिक्षा के जरिए लोकप्रियता हासिल की है, उसी मॉडल को यहां क्रमवार तरीके से लागू किया जाएगा और उसकी नियमित समीक्षा की जाएगी।
इस योजना का लक्ष्य अन्य सरकारी स्कूलों को भी इसके दायरे में लाने का है। अभी सिर्फ 117 स्कूलों से यह काम प्रारंभ किया जा रहा है। इस योजना के तहत तीन स्तर पर समीक्षा काम किया जाएगा। ताकि नियमित तौर पर इन स्कूलों में क्या कुछ बदलाव हो रहा है, उसकी जानकारी मिल सके।
सूचनाओं के आधार पर ही इनमें आवश्यकता के मुताबिक बदलाव किये जाएंगे। इसके लिए राज्य स्तर पर जो कमेटी बनायी गयी है, वह एक प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी के अधीन होगा, जिसमें ग्यारह सदस्य होंगे। जिला स्तर की कमेटी में जिला शिक्षा अधिकारी अध्यक्षता करेंगे।
इस योजना को लागू करने के लिए पहले चरण में दो सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। घोषणा के मुताबिक धीरे धीरे इस योजना के खर्च का आकार और बढ़ाया जाएगा और पूरे राज्य के सभी सरकारी स्कूलों को इसके दायरे में लाया जाएगा।