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दो आईपीएस की निलंबन की अवधि 180 दिन और बढ़ी

  • सुधीर पोरिका और राकेश दुबे की मुश्किलें नहीं थमी

दीपक नौरंगी

पटनाः बिहार राज्य सरकार मुखिया नीतीश कुमार ने करीब दो सालों में करीब एक दर्जन आईपीएस अधिकारियों पर कुछ न कुछ कार्रवाई की गई हैं। किसी भी राज्य सरकार में ऐसा कम देखा गया होगा कि लगातार दो सालों तक की दो आईपीएस अधिकारी लगातार निलंबन की कार्रवाई किसी भी राज्य सरकार की होगी पूरे बिहार में आईपीएस महकमे में खलबली मची हुई है क्योंकि लगातार 2021 जुलाई महीने से औरंगाबाद के पूर्व एसपी सुधीर पोरिका और भोजपुर के पूर्व एसपी राकेश कुमार दुबे कि निलंबन की अवधि राज्य सरकार लगातार बढ़ाती जा रही हैं।

साल 2021 के जुलाई महीने में दोनों आईपीएस अधिकारी को राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के संगीन मामले में निलंबित किया था राज्य सरकार ने फिर दोनों आईपीएस अधिकारी के निलंबन की अवधि 180 दिन बढ़ा दी है मतलब कि 16 जुलाई 2023 तक निलंबन की अवधि इनकी बढ़ा दी गई है दो आईपीएस अधिकारी को लगातार दो साल तक निलंबन की अवधि पूरी हो जाती है अब आगे राज्य सरकार निलंबन की अवधि और आगे बढ़ाती है या नहीं यह तो आने वाला समय बताएगा फिलहाल दोनों आईपीएस अधिकारियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

औरंगाबाद के पूर्व एसपी सुधीर पोरिका पर लगातार दो साल तक निलंबन की कार्रवाई

औरंगाबाद के पूर्व एसपी सुधीर  पोरिका पर राज्य सरकार के द्वारा निलंबन की अवधि बार-बार बनाए जाने पर आईपीएस और आईएएस में चर्चा है कि वह मानसिक रूप में तनाव में भी चल रहे हैं।

बिहार में ऐसा पहली बार हो रहा है कि  आईपीएस अधिकारी लगातार निलंबन की बड़ी कार्रवाई सरकार के द्वारा की जा रही हो ऐसी स्थिति में दोनों आईपीएस अधिकारी के परिवारिक जीवन पर भी इसका असर पड़ता देखा जा रहा है।

बताया जाता है कि औरंगाबाद के पूर्व एसपी सुरेश पोरिका पर इसका असर ज्यादा देखा जा रहा है परिवारिक और जीवन बड़ी तनावपूर्ण और कठिनाइयों से भरा समय उनके लिए है परिवारिक जीवन के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा पर भी इसका प्रभाव पड़ता दिख रहा है।

यह समय दोनों ही आईपीएस अधिकारी के लिए बहुत खराब समय माना जा रहा है राज्य सरकार को जल्द ही दोनों आईपीएस अधिकारी के मामले में कोई बेहतर निर्णय लेने का प्रयास अपने तरफ से करना चाहिए

बिहार में सिर्फ आईपीएस पर हो रही है कार्रवाई, आईएएस पर क्यों नहीं

बिहार में दो सालों से आईपीएस अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है ऐसे में बिहार राज्य सरकार के राज्य कर्मियों और आईएएस और आईपीएस महकमे में एक बार काफी चर्चा में देखी जा रही है कि राज्य सरकार सिर्फ आईपीएस अधिकारियों पर ही क्यों कार्रवाई कर रही है क्या बिहार में सिर्फ आईपीएस अधिकारी ही भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त है क्या आईएएस अधिकारी पूरी तरह से दूध के धुले हुए हैं?

कई तरह की चर्चाएं राज्य के सरकारी नौकरी में तैनात कर्मचारी और अधिकारियों में हो रही है ऐसे में राज्य सरकार की कार्रवाई सिर्फ एक पक्षीय तो नहीं हो रही क्या कोई आईएएस अधिकारी पर राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार जैसे संगीन मामले में बड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की कई ऐसे सवाल है जिसमें राज्य सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठना लाजमी हैं।

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