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पूर्वी भारत के विकास के नये आयाम खोलेगा
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देश भर के नदी जलमार्गों को तैयार कर रहे हैं
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इसी समारोह में नई टेंट सिटी का भी उदघाटन किया
नयी दिल्ली : प्नधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वाराणसी में विश्व के सबसे लंबे रिवर क्रूज-एमवी गंगा विलास को हरी झंडी दिखाई और काशी के गंगापार क्षेत्र में नई टेंट सिटी का उद्घाटन किया। मोदी ने कहा कि सरकार के विभिन्न प्रयासों से देश में नदी जलमार्ग का उपयोग बढ़ रहा है।
यात्री-पोत एमवी गंगा विलास 51 दिन में 3200 किलो मीटर का मार्ग तय कर असम में डिब्रूगढ़ तक जाएगा। मोदी ने समारोह के प्रारंभ में हर हर महादेव का उद्घोष करने के साथ लोगों को लोहड़ी और मकर संक्रांति की बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश में नदी जलमार्गों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
इसमें भी गंगा पर बन रहा ये नेशनल वॉटर-वे, पूरे देश के लिए एक मॉडल की तरह विकसित हो रहा है। वॉटर-वे, ट्रांसपोर्ट, ट्रेड और टूरिज्म, तीनों के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रहा है। मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 में सिर्फ पांच राष्ट्रीय जलमार्ग देश में थे। 24 राज्यों में 111 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने पर काम हो रहा है।
इनमें से लगभग 24 जलमार्गों पर सेवाएं अभी चल रही हैं। आठ वर्ष पहले तक सिर्फ 30 लाख टन कार्गो ही नदी जलमार्गों से परिवजन होता था। आज इसकी क्षमता तीन गुणा से भी अधिक हो चुकी है। श्री मोदी ने कहा , क्रूज टूरिज्म के लिए ऐसी ही व्यवस्थाएं हम देशभर के नदी जलमार्गों में तैयार कर रहे हैं।
काशी से डिब्रूगढ़ के बीच दुनिया की सबसे लंबी नदी जलयात्रा- गंगा विलास क्रूज का शुभारंभ हुआ है। इससे पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थल, वर्ल्ड टूरिज्म मैप में और प्रमुखता से आने वाले हैं। उन्होंने काशी में गंगा पार निर्मित नए ‘अद्भुत टेंट शहर’ शहर का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां आने और रहने का एक और बड़ा कारण, देश-दुनिया के पर्यटकों-श्रद्धालुओं को मिला है।
क्रूज के उद्घाटन के साथ ही प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल में मल्टी-मॉडल टर्मिनल, यूपी और बिहार में फ्लोटिंग जेटी, असम में मैरीटाइम स्किल सेंटर, शिप रिपेयर सेंटर, टर्मिनल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, ऐसे एक हजर करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स का भी शिलान्यास और लोकार्पण किया। मोदी ने कहा, हम विश्व के विभिन्न भागों से आए अपने सभी पर्यटक मित्रों का स्वागत करते हैं।
मोदी ने कहा कि ये क्रूज यात्रा एक साथ अनेक नए अनुभव लेकर आने वाली है। ये जो लोग इसमें से आध्यात्म की खोज में हैं, उन्हें वाराणसी,काशी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब और माजुली की यात्रा करने का सौभाग्य मिलेगा। जो बहु-राष्ट्रीय आलीशान विदेश क्रूज का अनुभव लेना चाहते हैं, उन्हें ढाका से होकर गुजरने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो भारत की प्राकृतिक विविधता को देखना चाहते हैं, उन्हें ये क्रूज सुंदरबन और असम के जंगलों की सैर कराएगा।
जिन लोगों की रुचि भारत में नदियों से जुड़े सिस्टम को समझने में है, उनके लिए ये यात्रा बहुत महत्वपूर्ण होगी। क्योंकि ये क्रूज 25 अलग-अलग नदियों या नदी धाराओं से होकर गुजरेगा। उन्होंने कहा कि 3200 किलोमीटर से ज्यादा लंबा यह सफर देश में इनलैंड वॉटर-वे के विकास, नदी जलमार्गों के लिए बन रहे आधुनिक संसाधनों का एक ज्वलंत उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक अध्ययन के मुताबिक, सड़क के मुकाबले जलमार्ग से परिवहन की लागत ढाई गुना कम आती है। वहीं रेल के मुकाबले जलमार्ग से परिवहन की लागत एक तिहाई कम होती है।