भूपेन गोस्वामी
गुवाहाटी: 130 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन फरवरी के महीने में शुरू हो जाएगी । भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में असम स्थित नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड मार्केटिंग टर्मिनल से बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के परबतीपुर डिपो तक ईंधन ले जाएगा।
नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने पिछले साल सितंबर 2022 में 7 समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में दोनों देशों के लोगों के बीच सहयोग में लगातार सुधार हो रहा है।
दोनों देशों के बीच व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। हमने आईटी, अंतरिक्ष और परमाणु क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। भारत और बांग्लादेश के बीच बिजली पारेषण लाइनों पर भी बातचीत चल रही है।2017 में भारत सरकार ने एक मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) की क्षमता वाली इस पाइपलाइन को वित्तपोषित करने के अपने इरादे की घोषणा की थी। भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का निर्माण कुल 377।08 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था।
इसमें से एनआरएल का निवेश पाइपलाइन के भारत के हिस्से के लिए 91।84 करोड़ रुपये है, जबकि शेष 285।24 करोड़ रुपये बांग्लादेश के हिस्से के लिए अनुदान सहायता के रूप में भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है।रिपोर्ट में कहा कि बांग्लादेश इस साल के अंत में एनआरएल से गैस और तेल आयात करना शुरू कर देगा।