अदालतगुड न्यूजबयान

रिटायर होने के समारोह में बोले देश के लिए जान हाजिर हैः न्यायमूर्ति नजीर

कहा राम मंदिर मामले में अलग राय दी होती तो हीरो बन जाता

राष्ट्रीय खबर

नईदिल्लीः सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर ने अपनी सेवानिवृत्ति के समारोह में भी सबका दिल जीत लिया. वह बुधवार को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद रिटायर हुए हैं। इस मौके पर बोलते हुए न्यायमूर्ति नजीर ने कई महत्वपूर्ण बातों की तरफ भी इशारा किया।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से आयोजित विदाई कार्यक्रम में न्यायमूर्ति नजीर ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका लैंगिक असमानता से पीड़ित है। न्यायपालिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। जैसा कि (संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव) कॉफी अन्नान ने कहा कि विकास के लिए महिला सशक्तीकरण से बड़ा कोई और औजार नहीं हो सकता।

विदाई कार्यक्रम में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘न्यायमूर्ति नजीर आम जन के जज हैं जो कानून की सभी शाखाओं के विशेषज्ञ हैं, खासकर दीवानी कानून में। एक जज के रूप में न्यायमूर्ति नजीर का आचरण उत्कृष्ट रहा।

न्यायमूर्ति नजीर ने अपने विदाई भाषण का अंत एक संस्कृत श्लोक के साथ किया। उन्होंने कहा, ‘धर्मो रक्षति रक्षित:। मतलब, धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म आपकी रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि यह श्लोक एक जज के रूप में उनके करियर का मूल मंत्र रहा है। न्यायमूर्ति नजीर बोले, ‘इस दुनिया में सब कुछ धर्म से ही स्थापित हुआ है। धर्म उसका विनाश कर देता है जो धर्म की हानि करते हैं। उसी तरह, धर्म उसका संरक्षण करता है जो धर्म को पोषित करते हैं।

न्यायमूर्ति नजीर ने कहा कि अयोध्या विवाद पर 9 नवंबर, 2019 को आए फैसले में अगर उन्होंने बाकी जजों से अपनी अलग राय रखी होती तो वो आज अपने समुदाय के हीरो बन गए होते, लेकिन उन्होंने समुदाय का नहीं, देशहित का सोचा। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, देश के लिए तो जान हाजिर है।

न्यायमूर्ति नजीर अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद केस पर फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ में शामिल थे। सर्वोच्च न्यायालय की इस पीठ के सभी पांच जजों ने राम मंदिर के पक्ष में सर्वसम्मति से फैसला दिया था।

विदाई भाषण में न्यायमूर्ति नजीर ने कहा कि वो चाहते तो चार साथी जजों की राय से अलग होकर अपना फैसला दे सकते थे। उनका ऐसा करने पर भी फैसला राम मंदिर के पक्ष में ही रहता, लेकिन वो खुद मुस्लिम समुदाय की नजरों में हीरो बन जाते।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button