मॉस्कोः यूक्रेन के रॉकेट हमले में रूस के 89 सैनिकों की मौत को रूसी रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार किया है। इसके साथ ही यह दलील दी गयी है कि इन सैनिकों ने नियमों का पालन नहीं किया था। वे रूसी सैनिक छावनी के अंदर अनधिकृत मोबाइल फोनों का इस्तेमाल कर रहे थे।
इसी वजह से दुश्मन को वहां से जारी होने वाले रेडियो तरंगों को पकड़ते हुए सटीक हमला करने की खुली छूट मिल गयी थी। दरअसल एक स्थान पर इतने सारे मोबाइल फोनों का लोकेशन दिखने के बाद उसे रूसी सैनिक शिविर समझना कठिन नहीं था। यूक्रेन ने जहां यह हमला किया, वह दरअसल यूक्रेन का ही इलाका है लेकिन वहां पर रूस का कब्जा है।
पूर्वी यूक्रेन के शहर में नये साल के दिन हुए हमले में अपने सैनिकों की मौत पर रूसी रक्षा मंत्रालय ने यह औपचारिक बयान जारी किया है। दरअसल सेना द्वारा बयान जारी करने के पहले ही सोशल मीडिया के जरिए यह सूचना बाहर आ चुकी थी। दूसरी तरफ यूक्रेन का दावा है कि इस हमले में पांच सौ से अधिक रूसी सैनिक मारे गये हैं।
इन दोनों परस्पर विरोधी दावों की पुष्टि नहीं हो पायी है। लेकिन रूसी विशेषज्ञों का अनुमान है कि वहां की जो तस्वीरें सामने आयी हैं, उससे मौत का आंकड़ा अधिक भी हो सकता है। दूसरी तरफ यूक्रेन की सेना की तरफ से कहा गया है कि रूसी कब्जे वाले माकिवका में यह हमला तैयारी के साथ किया गया था। यह डोनेट्स्क का इलाका है, जिस पर रूस का अभी कब्जा है।
रूसी राष्ट्रपति ने इन इलाकों को अपने देश का हिस्सा भी घोषित कर दिया है। यूक्रेन की सेना के पूर्वी कमान के प्रवक्ता सेरही चेरेवाटी ने कहा कि इस हरकत से ही स्पष्ट हो गया है कि यहां पर भेजे गये सैनिक अनुभवी नहीं है बल्कि वे नये रंगरूट हैं, जिन्हें हाल ही मे युद्ध के मोर्चे पर भेजा गया है। इनलोगों के पास वास्तविक युद्ध का कोई अनुभव भी नहीं है। उनके मुताबिक लक्ष्य निर्धारित होने के बाद उस ठिकाने पर हिमार्स लॉंचर से चार रॉकेट दागे गये थे जो सटीक निशाने पर गिरे।