चुनावत्रिपुराराजनीति

त्रिपुरा बचाने अब मैदान मे खुद अमित शाह

चुनाव से पहले लगातार टूट से हतप्रभ है भाजपा

  • माकपा शासन का अंत किया था भाजपा ने

  • पार्टी में शुरु से ही गुटबाजी चलती आयी

  • छह और विधायकों के पार्टी छोड़ने की चर्चा

सुभाष दास

अगरतलाः साल का पहला दिन ही भाजपा के लिए बेहतर सूचना लेकर आया है। सूचना यह है कि वहां अब खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आ रहे हैं। वह खुद ही राज्य में अपनी रथयात्रा प्रारंभ करेंगे। इसका सीधा मकसद इस राज्य में भाजपा को और टूटने से बचाने के साथ साथ चुनावी तैयारियों को गति देना है। यहां विधानसभा चुनाव के लिए अब मात्र दो महीने का समय बचा है। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री आगामी 5 जनवरी को यहां आयेंगे। घोषित कार्यक्रम के मुताबिक वह आठ दिनों के रथयात्रा कार्यक्रम की शुरुआत करने वाले हैं।

दरअसल त्रिपुरा में भाजपा का हाल दिनोंदिन बुरा होता चला जा रहा है। वर्ष 2018 में आईपीएफटी के साथ गठबंधन कर भाजपा ने पहली बार वहां सरकार बनाने में सफलता पायी थी। इस घटना को महत्वपूर्ण माना गया था क्योंकि चुनाव में माकपा के ढाई दशक के शासन का अंत हुआ था।

इस नये गठबंधन में विप्लव देव को मुख्यमंत्री बनाया गया था, जिन्हें पार्टी के अनेक लोग स्वीकार नहीं करते थे। वह दौर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के इशारों का था। उनकी इशारा जिस तरफ होता था, वह अंतिम निर्णय होता था। लेकिन विप्लव देव ने अजीब किस्म के बयानों की वजह से खुद ही हंसी का पात्र बना लिया था। उसके अलावा चंद लोगों से घिर जाने का आरोप भी उनपर लगा।

त्रिपुरा भाजपा में गुटबाजी होन के बाद भी मामला दबा रहा लेकिन 2021 में यह असंतोष बाहर आ गया। हालात बिगड़ते देख केंद्रीय नेतृत्व ने देव के बदले माणिक साहा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद भी दिल्ली के इशारे पर सब कुछ तय होने की प्रवृत्ति की वजह से परेशानी और बढ़ती चली गयी।

अब तक छह विधायक पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। इनमें से सुदीप राय वर्मन, आशीष साहा और दिवाचंद्र रांखल ने कांग्रेस की सदस्यता ली है। बुर्बमोहन त्रिपुरा ने एक विरोधी जनजातिय संगठन की सदस्यता ग्रहण की है। सरकार में सहयोगी आईपीएफटी पर भी भाजपा की इस गुटबाजी का असर पड़ा है।

उस संगठन के वृषकेतु देववर्मा, मेवार कुमार जामातिया भी विधायक पद से इस्तीफा देकर तिप्रा मथा में योगदान कर चुके हैं। अब चर्चा चल रही है कि दिल्ली के इशारे पर सारे फैसले लेने से नाराज छह और विधायक भी शीघ्र ही पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं।

चुनाव से पहले ऐसी स्थिति की सूचना पर ही खुद अमित शाह मैदान में उतरने जा रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य ने कहा कि दक्षिण त्रिपुरा के साब्रूम से यह रथयात्रा प्रारंभ होगी। इसे जन विश्वास यात्रा का नाम दिया गया है। अमित शाह जनसभा में इस यात्रा को झंडा दिखाकर रवाना करेंगे। इस यात्रा की समाप्ति में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होंगै। इस बीच राज्य की साठ विधानसभा क्षेत्रों से यह यात्रा गुजरेगी। इस क्रम में भाजपा के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेता रास्ते में दो सौ जनसभा कर पार्टी को चुनाव के लिए तैयार करने का काम करेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button