दिल लगा कर क्या मिला, यह बड़ा सवाल है। तवांग से प्रारंभ करता हूं। पंडित नेहरू के हिंदी चीनी भाई भाई का झटका कुछ ऐसा लगा है कि आज तक हम संभलकर चीन के बात करते हैं क्योंकि उसकी हरकतों से लगता है कि मुंह में राम बगल में छुरी जैसी हालत है। पता नहीं कब और कहां धोखा दे दे।
वइसे लगता है कि चीन ने सबक नहीं सीखा है। आज तक उन्हें शायद यह गलतफहमी है कि यह 1962 का ही भारतवर्ष है। गलवान में आये थे तो मार-पीट हो गयी। दोनों तरफ से हताहत हुए सैनिक। भारत ने तो बड़ी ईमानदारी से अपने नुकसान का एलान कर दिया। काफी दिनों तक मामला गुप्त रखने के बाद पता चला कि चीन को अधिक नुकसान हुआ था।
दरअसल साम्यवादी शासन के नाम पर वहां एक तानाशाही सरकार काबिज है। इसलिए उत्तर कोरिया के जैसा ही वहां की सूचनाएं ज्यादातर दबा दी जाती हैं। खैर इतना तो कंफर्म हैं कि इस बार तवांग में भी अच्छी खासी मेहमाननवाजी हो गयी है। वीडियो तो कमसे कम यही कहता है।
वैसे कुछ लोगों पर तवांग में भारतीय सेना के शौर्य का प्रभाव दिल्ली में पड़ा है। जिस तेवर में बात कर रहे हैं मानों अभी सीमा पार कर सीधे बीजिंग तक चले जाएंगे। लेकिन चीन के साथ अपने पुत्रों और रिश्तेदारों की कंपनियों के साथ जो रिश्ता बना हुआ है, उसका क्या किया जाए। अब तो बेचारे विदेश मंत्री जयशंकर भी इसकी चपेट में आ गये क्योंकि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस कर उनके पुत्र की संस्था के चीन के साथ संबंधों पर बड़ी बात कह दी है।
वइसे इतना तो तय है कि खडगे साहब मिट्टी के माधो नहीं है। संसद में जिस तेवर में बात कर रहे हैं, उससे लगता है कि कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उनका हौसला बढ़ गया है।
अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कोरोना के प्रभाव की बात कर लें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस पर चिट्ठी लिखी तो बवाल हो गया। सारे एक सुर में कहने लगे कि यह भाजपा की साजिश है। आखिर कहने का आधार भी है क्योंकि एक और कांग्रेस नेत्री ने प्रधानमंत्री का वह वीडियो जारी कर दिया, जिसमें एक शादी समारोह में शामिल होने गये प्रधानमंत्री मोदी बिना मास्क के नजर आ रहे हैं।
कुल मिलाकर केस पूरा जांडिस हो गया है। दिल्ली की सीमा के अंदर आती इस यात्रा का दिल्ली पर क्या असर होगा, यह देखने लायक बात होगी।
इसी बात पर एक फिल्म दिल है तुम्हारा का यह गीत याद आने लगा है। इस गीत को लिखा था समीर ने और संगीत में ढाला था नदीम श्रवण की जोड़ी ने। इसे अल्का याग्निक और उदित नारायण ने अपना स्वर दिया था। गीत के बोल इस तरह हैं
दिल लगा लिया मैंने तुमसे प्यार कर के
तुमसे प्यार कर के तुमसे प्यार कर के
दिल लगा लिया मैंने तुमसे प्यार कर के
तुमसे प्यार कर के तुमसे प्यार कर के
दिल चुरा लिया मैंने इकरार कर के
इकरार कर के इकरार कर के
दिल लगा लिया मैंने तुमसे प्यार कर के
तुमसे प्यार कर के तुमसे प्यार कर के
मेरे दिलजानी मेरे माही मेरे ढोलना
कोई सुन लेगा ज़रा धीरे-धीरे बोलना
हाँ इश्क़ किया है मैंने चोरी नहीं की है
तेरे संग यारा जोरा जोरी नहीं की है
चैन ले लिया मैंने बेकरार कर के
बेकरार कर के बेकरार कर के
दिल लगा लिया मैंने तुमसे प्यार कर के
तुमसे प्यार कर के तुमसे प्यार कर के
बीच सफ़र में कहीं मेरा साथ छोड़ के
तुझको कसम हैं नैय्यो जाना दिल तोड़ के
कैसे मैं बताऊँ तुझे कैसा मेरा हाल वे
जीना मरना है सब अब तेरे नाल वे
तुझको पा लिया तेरा इंतजार कर के
इंतजार कर के इंतजार कर के
दिल लगा लिया मैंने तुमसे प्यार कर के
तुमसे प्यार कर के तुमसे प्यार कर के
तुमसे प्यार कर के
चलते चलते अपने हेमंत भइया की चर्चा ना करें तो गलत होगा। एक मुलाकात में उन्होंने शिकायत की कि अब तो लगता है कि पत्रकारों को उनकी जरूरत ही नहीं है। उन्हें कौन बताये कि वह खुद इस तरीके से घिर गये हैं कि पत्रकारों की पहुंच से बाहर हो गये हैं।
फिर भी अभी वह मजे में हैं। केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजकर दोनों हाथ में लड्डू लिये बैठे है। लेकिन उन्हें तो सरयू राय का शुक्रगुजार होना चाहिए। जिनके कई बयानों और सबूतों ने ईडी को आगे बढ़ने से रोक दिया। राय जी ने पूरे मामले को ही पूर्व सरकार की तरफ मोड़कर ईडी के पैर बांध दिये हैं।
अब अपने आदमी के खिलाफ कार्रवाई कोई कैसे कर सकता है। इसलिए दिल लगा लिया मैंने तुमसे प्यार कर के वाली बात सही साबित हो रही है। इतना पंगा नहीं लिया होता तो इतनी तकलीफ भाजपा को भी नहीं होती।