बयानरांचीराजनीति

प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी अब और तेज हुई

वरिष्ठ नेताओँ ने पूरी कार्रवाई को एकतरफा और संविधान के खिलाफ बताया

  • अनुशासन समिति के औचित्य पर उठा सवाल

  • आरपीएन सिंह के संपर्क का उत्तर नहीं मिला

  • बोकारो में 24 दिसंबर से प्रारंभ होगा अभियान

राष्ट्रीय खबर

रांचीः प्रदेश कांग्रेस कमेटी में काफी समय से जारी मतभेद अब खुलकर सामने आ गये हैं। दरअसल प्रदेश अनुशासन समिति की बैठक तथा उसके निर्णय को सार्वजनिक करने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमिटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव, डा.राजेश गुप्ता छोटू एवं सुनील सिंह ने अनुशासन समिति के औचित्य पर सवाल उठाया है।

इनलोगों ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के न्यायालय ने बिना बहस,बिना बैठक और बगैर सुनवाई के निर्णय भी लिया और उसे सार्वजनिक भी किया जो कांग्रेस संविधान के खिलाफ है। नेताओं ने कहा आज जो स्पष्टीकरण मीडिया के माध्यम से पूछा गया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसा प्रतीत होता है मीडिया के माध्यम से व्यक्ति गत छवि धूमिल करने का काम किया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं ने कहा हमारे नेता राहुल गांधी ने कहा है डरो मत,सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं।

मीडिया से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के वरिष्ठ नेता आलोक कुमार दूबे ने प्रदेश अध्यक्ष से जवाब मांगा है कि बताऐं वे आरपीएन सिंह से संपर्क में हैं नहीं। आलोक दूबे ने कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलकर हम प्रदेश अध्यक्ष एवं आरपीएन सिंह के संबंधों की जांच कराने की मांग करेंगें। प्रदेश कमिटी और जिला अध्यक्षों के मनोनयन में आरपीएन सिंह का दबदबा रहा। बोर्ड और निगम में जो सूची आरपीएन सिंह ने राजेश ठाकुर को समाहित करने के लिए आदेश भेजा है उसे 25 दिसम्बर को सार्वजनिक किया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस नेता ने कहा अध्यक्ष हटाओ-कांग्रेस बचाओ का शंखनाद 24 दिसम्बर को बोकारो से प्रारंभ किया जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने अनुशासन समिति के औचित्य पर सवाल उठाया है,उन्होंने कहा बैठक के पहले ही समिति ने निर्णयों को सार्वजनिक किया, 5 पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछे जाने की सूचना अखबारों और चैनलों के माध्यम से सार्वजनिक करना ना सिर्फ अनुशासनहीनता है बल्कि कांग्रेस संविधान के विपरीत है और पार्टी हाईकमान के मंसूबे पर पानी फेरने का काम भी है।

अनुशासन समिति के सदस्य कई कई पदों पर बैठे हुए हैं जिसे लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता बार बार सवाल उठा रहे हैं। अनुशासन समिति कांग्रेस पार्टी का एक प्रकार से न्यायालय है जहां कांग्रेस संविधान के अनुरूप बिना किसी भेदभाव एवं पक्षपात पूर्ण तरीके से फैसले लिए जाते हैं लेकिन यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के निर्देशानुसार बैठक हो रही है और मीडिया के माध्यम से कवरेज करने हेतु विधिवत आमंत्रित किया जाता है और आरोप प्रपत्र भी पहले से तैयार रहता है।

प्रदेश अध्यक्ष के संगठन कमजोर करने और पार्टी हाईजैक करने के नापाक मंसूबे को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ नेता डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा 22 वर्षों के अलग राज्य में कांग्रेस में विचारों का मतान्तर कई बार देखने को मिला है और कांग्रेस पार्टी में विचारों को अभिव्यक्त करने की पूरी आजादी है। लेकिन झारखंड में जब से राजेश ठाकुर अध्यक्ष बने हैं, पूरे प्रदेश में उन्होंने अराजक स्थिति बनाकर रखा हुआ है, हर तरफ संगठन में आग लगा हुआ है,एक दूसरे से बात करने पर भी पाबंदी है, वर्तमान हालात ऐसे हैं जहां कांग्रेस का नहीं व्यक्ति का आदमी बनाया जा रहा है। हर तरफ मारपीट, गाली-गलौज, जूता-चप्पल,फैटा फैटी, पैसा लूटा लूटी, पुतला दहन,कालिख पोतो जैसे कार्यक्रम और आंदोलन चल रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बढ़ता आक्रोश संगठन को न सिर्फ नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि जिन आशाओं और अपेक्षाओं से राज्य की जनता ने गठबंधन की सरकार चलाने की जवाबदेही है उस पर भी एक बड़ा कुठाराघात है।कांग्रेस के कार्यकर्ता इस अपरिपक्व और कृपा पात्र परिक्रमा से बने हुए अध्यक्ष को 1 दिन भी स्वीकार नहीं करेगा। कांग्रेस नेता सुनील सिंह ने कहा शोकॉज से हम डरने वाले लोग नहीं हैं। पार्टी हमारे लिए सर्वोपरि है और एक व्यक्ति अगर पार्टी को बर्बाद कर रहा हो तो हम खामोशी से सब कुछ बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।

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