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तवांग को लेकर बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने चीन सरकार को दी चेतावनी

  • अब यहां मोदी सरकार का शासन है

  • उन्होंने भारत को पसंदीदा देश बताया

  • हिमाचल में स्थापित है उनका अपना केंद्र

गुवाहाटी:  : नॉर्थ ईस्ट से तालुक रखने वाले बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने  भारत-चीन सीमा पर स्थित तवांग को लेकर चीन को कड़ा संदेश दिया है। दलाई लामा ने चीन सरकार को चेतावनी दी कि यह 1962 नहीं बल्कि मोदी सरकार का 2022 का समय है। दलाई लामा ने यह भी कहा कि दलाई लामा ने यह भी कहा कि भारत उनकी पसंदीदा जगह है।

दलाई लामा ने कहा कि चीन लौटने का तो कोई मतलब ही नहीं है। मुझे भारत पसंद है, कांगड़ा पंडित नेहरू  की पसंदीदा जगह है, यह जगह ही मेरा स्थायी निवास है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर समय-समय पर घटनाएं सामने आती रही हैं। हाल ही में तवांग सेक्‍टर की एलएसी  पर भारतीय और चीनी सैनिकों  के बीच यांग्‍तसे झड़प का मामला सामने आया है। जिसके बाद दोनों देशों के बीच एक बार फिर तनातनी की स्‍थिति पैदा हो गई।

इस सीमा संघर्ष के बीच बौद्ध धर्म गुरु भारत को पसंद कर ही रहे हैं। वहीं, अब तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने भी भारत को अपनी पसंदीदा जगह बताया है। बौद्ध गुरु दलाई लामा से तवांग गतिरोध के चलते चीन के लिए उनके संदेश के बारे में सवाल पूछा गया. उन्‍होंने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीजें सुधर रही हैं, लेकिन उनका चीन लौटने का कोई मतलब नहीं है।  मैं भारत को पसंद करता हूं।

भारतीय-चीन सेना के बीच हुई हाल की झड़प पर चेतावनी देते हुए कहा है कि चीन को समझना होगा कि यह 1962 का नहीं बल्‍क‍ि 2022 का मोदी सरकार का समय है।  इस तरह की हरकतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी को नहीं बख्शेंगे।  हम मोदी सरकार और भारतीय सेना का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार हमेशा किसी भी देश की जमीन पर नजर रखती है और यह सरासर गलत है।

बता दें कि तिब्बत पर चीनी कब्जे के बाद दलाई लामा इसी तवांग के रास्ते से होकर भारत आये थे। यहां पर उनके अनुयायियों ने उनका स्वागत किया था। अरुणाचल प्रदेश सहित पूर्वोत्तर भारत मे तवांग के अलावा कई अन्य स्थान ऐसे भी हैं, जहां 1962 के युद्ध में बहुत कमजोर होने के बाद भी भारतीय सेना ने चीन को पराजित किया था। इनमें से एक सिक्किम का नाथुला पोस्ट भी है, जो आज के दौर में एक प्रमुख भारतीय पर्यटन स्थल बना हुआ है।

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