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भाजपा के राहुल पर हमले के बाद और आक्रामक हुई कांग्रेस भी

  • ऐसा बयान भारतीय सेना का अपमान

  • योगी ने कहा अमर्यादित बात कही है

  • कांग्रेस ने कहा मन की बात में सच बताएं

नईदिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि चीन और पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं राहुल गांधी। चीन के बारे में उनके बयान की कड़ी भर्त्सना करते हुए शनिवार को कहा कि श्री गांधी वो भाषा बोलते हैं जो चीन और पाकिस्तान बोलता है। श्री नड्डा ने यहां एक विज्ञप्ति में कहा कि श्री गांधी का देश की सेना के मनोबल को तोड़ने वाला बयान सर्वथा निंदनीय और देश की एकता एवं अखंडता पर प्रश्न चिह्न लगाने वाला है।

उन्होंने कहा, यह देश के वीर जवानों का अपमान है। इसकी जितनी भी भर्त्सना एवं निंदा की जाए, वह कम है। मैं इसकी कड़ी शब्दों में निंदा करता हूं। भारत की सेना अद्भुत शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है। जब भी देश पर संकट आया है, देश की सेना ने अपना सर्वस्व अर्पित कर देश की रक्षा की है। हमें अपनी सेना पर गर्व है।’’

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश की जनता जानती है कि कांग्रेस पार्टी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ परस्पर सहयोग का एक करार किया था। देश की जनता यह भी जानती है कि चीनी दूतावास ने राजीव गांधी फाउडेशन को किस तरह से आर्थिक मदद की है। शायद यही कारण है कि श्री गांधी बार-बार चीन की भाषा बोलते हैं।

उन्होंने कहा कि जब भारत की फौज डोकलाम में मुस्तैदी के साथ खड़ी थी, उस समय श्री गांधी रात के अंधेरे में चुपचाप चीनी दूतावास में चीनी अधिकारियों के साथ गुपचुप बातचीत कर रहे थे। यह बताता है कि उनकी राष्ट्रभक्ति कितने प्रश्नचिह्नों से घिरी है। उन्होंने सर्जिकल स्टाइक और एयर स्ट्राइक पर भी सवाल उठाए थे। यह बताता है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भारत की भाषा नहीं बोलते हैं। बल्कि वह वही भाषा बोलते हैं जो चीन और पाकिस्तान बोलता है। श्री नड्डा ने कहा, ‘‘मैं पुन: राहुल गांधी के इस शर्मनाक बयान की कड़ी भर्त्सना करता हूं। राहुल गांधी का यह बयान देश की सेना के प्रति सच उनकी मानसिकता और उनके मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है।

इसी तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी आगे आये हैं। त्वांग में सेना को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान को शर्मनाक बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि श्री गांधी को देश की जनता व बहादुर जवानों से माफी मांगनी चाहिए। श्री योगी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान अत्यंत ही अमर्यादित, बचकाना और राष्ट्रविरोधी तत्वों को प्रेरित करने वाला है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और भारत की बहादुर सेना को अपमानित करने वाला है। हम उनके बयान की निंदा करते हैं।

देश व दुनिया इस बात को कह रही है कि भारत के बहादुर जवानों ने घुसपैठियों के कृत्यों को नाकाम किया। ऐसे में भारत के उन बहादुर जवानों के शौर्य व पराक्रम का सम्मान करने की बजाय कठघरे में खड़ा करना कोई भी भारतीय स्वीकार नहीं करेगा। उन्होने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है।

डोकलाम में भी जब दोनों देशों के सेनाओं में तनातनी हुई थी, उस समय भी भारत के जवानों के शौर्य व पराक्रम का सम्मान करने की बजाय कांग्रेस व राहुल गांधी का चरित्र जगजाहिर हुआ था। वे चीनी दूतावास से मिलकर भारत विरोधी कृत्यों को प्रश्रय दे रहे थे। उनका बयान निंदनीय व शर्मनाक है। जब भी देश के सामने संकट या चुनौती आती है, इनका यह चरित्र पूरा देश इसी रूप में देखता है। यह भारत को कटघरे में खड़ा करते हैं।

बहादुर जवानों के शौर्य व पराक्रम पर अंगुली उठाते हैं। हम कांग्रेस व राहुल गांधी की इस सोच की निंदा करते हैं। राहुल गांधी देश की जनता व बहादुर जवानों से माफी मांगें। देश को बार-बार कठघरे में खड़ा करने की बचकाना व अमर्यादित आचरण से उन्हें बचना चाहिए।

दूसरी तरफ कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रेडियो पर प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ में बताना चाहिए कि उन्होंने चीनी घुसपैठ को लेकर सच क्यों नहीं बताया और पिछले दो साल के दौरान रिकॉर्ड स्तर पर चीन से आयात क्यों किया गया।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने शनिवार को एक बयान में कहा कि श्री मोदी को बताना चाहिए कि 20 जून 2020 को उन्होंने क्यों कहा कि चीनी सेना ने भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं की। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि पूर्वी लद्दाख में जहां भारतीय सेना गश्त करती थी उस क्षेत्र में मई 2020 के बाद हमारी सेना को गश्त करने से रोकने की चीन को इजाजत क्यों दी गई।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी को ही जवाब देना चाहिए के पीएम केयर्स फंड में चीनी कंपनियों को सहायता की अनुमति क्यों दी गई और पिछले दो साल के दौरान चीन से रिकॉर्ड स्तर पर आयात क्यों किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि श्री मोदी को यह भी बताना चाहिए कि संसद में चीन सीमा को लेकर चर्चा करने से क्यों मना किया जा रहा है उनका कहना था कि श्री मोदी चीनी नेताओं के साथ 18 बार मिले पहले किसी भारतीय प्रधानमंत्री कि चीनी नेताओं से इतनी मुलाकात नहीं हुई है।

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