सॉन राफायेल वैलीः सीमा पर इस तरीके का दृश्य कम ही देखने को मिलता है। मैक्सिको की सीमा पर अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए अब ऐसा किया जा रहा है। वहां पर भारी भरकम कंटेनरों की ऊंची दीवार खड़ी कर दी गयी है। लोगों को अंदर आने से रोकने के लिए अलग से कांटा तार का जाल भी बिछाया गया है। इसके विरोध में प्रदर्शन भी हुए हैं लेकिन सरकार ने अपने रुख में कोई बदलाव नहीं किया है।
दरअसल इस रास्ते से अमेरिका में लोगों की अवैध घुसपैठ को लेकर भी सरकार की काफी आलोचना हुई है। दूसरी तरफ ऐसे अवैध घुसपैठियों की वजह से देश में सामाजिक संतुलन भी बिगड़ रहा है। मजबूरी में सरकार ने ऐसा कड़ा कदम उठाया है। दूसरी तरफ सरकार बदलने की वेला में आने वाली सरकार के मुखिया कैटी होब्स कहती हैं कि उन्होंने इन कंटेनरों का क्या इस्तेमाल किया जाए, उस पर अंतिम विचार नहीं किया है। हो सकता है कि इन कंटेनरों का इस्तेमाल लोगों के घऱ बनाने के लिए हो। इससे कम आय वर्ग के लोगों को भी अपना घर बनाने में बहुत मदद मिलेगी।
इसके अलावा निराश्रितों का ठिकाना भी इन कंटेनरों से तैयार किया जा सकता है। वैसे काफी लंबी दूरी तक इन कंटेनरों को एक के ऊपर एक लगाने के साथ साथ पूरे इलाके में कांटा तार बिछाने पर भी काफी खर्च हो चुका है। दूसरी तरफ पर्यावरण प्रेमी मानते हैं कि इतने भारी भरकम कंटेनरों को इस तरीके से रखने से भूमिगत जल प्रवाह के बाधित होने का खतरा है जबकि वहां के जंगली जीवन को भी इससे नुकसान पहुंचेगा क्योंकि वे दोनों देशों के बीच आते जाते रहते हैं।
इस इलाके में शरणार्थियों की भारी भीड़ होने तथा चुपचाप तरीके से उनके देश के अंदर प्रवेश करने की घटनाओं में काफी बढ़ोत्तरी के बाद ऐसा कठोर फैसला लागू किया गया है। अनुमान है कि इस रास्ते से पहले करीब बीस लाख लोग अवैध तरीक से अमेरिका में प्रवेश कर चुके हैं। इस साढ़े चार सौ मील की दोनों देशों की सीमा के बीच स्थायी निर्माण का अधिकांश काम पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में पूरा कर लिया गया था। जो इलाका छूट गया था, वहां पर अब ऐसे कंटेनरों की लोहे की दीवार फिलहाल खड़ी कर दी गयी है। कंटेनरों को इस तरीके से लगाया गया है कि वे करीब सत्रह फीट ऊंची दीवार बन गये हैं।