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मंगोलिया में भी राजभवन में घुस गयी नाराज जनता

उलानबातारः मंगोलिया में भी अब श्रीलंका जैसी परिस्थितियां पैदा होने लगी है। वहां के तेजी से बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बीच नाराज जनता ने वहां के राजप्रासाद में जबरन घुसने का काम किया। वैसे बाद में वे लोग वहां से बाहर निकल गये और स्थानीय चौराहो पर अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया।

कड़ाके की ठंड के बीच हजारों की संख्या में लोगों का यहां एकत्रित होना कोई छोटी बात नहीं है। जनता का आरोप है कि सरकार ने कोयला के मामले में भ्रष्टाचार किया है और देश से नाजायज तरीके से कोयला चीन को बेचा गया है। यह प्रदर्शन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि शून्य से 21 डिग्री नीचे के तापमान में भी लोग सड़कों पर आ गये थे।

वे इस पूरे घपले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। नाराज लोगों ने इस कुव्यवस्था को रोकने में विफल संसद को भी भंग करने की माग की है। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथों में जो तख्तियां दिखी, उसमें टूटते देश को बचाने की भी अपील की गयी है।

दरअसल यह मामला इसलिए भी गरमा गया है क्योंकि यह चर्चा आम हो चुकी है कि कोयले की इस तस्करी में कुछ नेता भी शामिल हैं। इनलोगों ने मिलकर देश के खजाने के अरबों डालर पचा लिये हैं। इसकी वजह से देश की अब यह हालत हो चुकी है। वहां तैनात पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का काम भी किया लेकिन इसके बाद भी अनेक लोग राज प्रासाद के अंदर जाने में सफल रहे। इनलोगं ने पुलिस की घेराबंदी को भी तोड़ दिया था।

खबर है कि इस  सरकारी इमारत के अँदर नाराज लोगों ने तोड़फोड़ भी की है। अतिरिक्त पुलिस बल के आने के पहले ही प्रदर्शनकारी वहां से जा चुके थे। जनता का आक्रोश इस वजह से बढ़ गया है क्योंकि वहां की प्रमुख सरकारी कोयला कंपनी के प्रमुख सहित तीस लोगों पर इस किस्म के भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिये हैं। इस सरकारी कंपनी पर आरोप है कि उसकी तरफ से चीन को यह कोयला बेचा गया है और सारा पैसा कहीं और छिपा दिया गया है। मंगोलिया के राजस्व का एक बहुत बड़ा हिस्सा इसी कोयले से आता है। इसलिए यह मामला अधिक गरमा गया है।

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