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कैस्पियन सागर के तट पर करीब ढाई हजार सीलों के शव

मॉस्कोः रूस की सीमा में कैस्पियर सागर के तट पर अचानक से लाशों का अंबार नजर आ गया। यह सभी सील हैं, जिनकी कुल संख्या ढाई हजार के करीब है। प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक इन सभी की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है। फिर भी अनेक लाशों का पोस्टमार्टम कर मौत के असली कारणों की जांच की जा रही है।

डागेस्टान के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। प्रारंभिक अनुमान यह है कि कैस्पियर सागर के नीचे प्राकृतिक गैस का भंडार है। इसलिए हो सकता है कि समुद्री पानी में रहते हुए वहां की पारिस्थितिकी में हुए बदलाव की वजह से यह सारे समुद्री प्राणी मारे गये हैं।

प्राकृतिक गैस का रिसाव अधिक होने से पानी के अंदर मौजूद ऑक्सीजन की मात्रा भी तेजी से कम होने लगती है। वैसे पड़ोसी देश अजरबैजान में भी मरे हुए सीलों के शव देखे गये हैं। दोनों इलाकों में ऐसे प्राणियों के शवों की गिनती का काम चल रहा है और समुद्र से अभी और ऐसे शवों के तटों की तरफ आने का सिलसिला अभी जारी है। यहां तक की वहां के सुलाक और शुरिंका नदी के बीच भी ऐसे शव पाये जा रहे हैं।

सबसे पहले यहां सात सौ सीलों के मरने की खबर आयी थी। उसके बाद समुद्री लहरों के साथ ऐसे शवों के किनारे आने का सिलसिला जो प्रारंभ हुई उसकी वजह से यह गिनती अब तक ढाई हजार पहुंच चुकी है। इनमें हमला किये जाने का कोई निशान नहीं है।

इसी वजह से अचानक ऑक्सीजन की कमी को उनकी मौत का प्रारंभिक कारण माना गया है। सीलों की यह प्रजाति ठंड के मौसम में उत्तरी छोर पर चली आती है। इस प्रजाति को पहले से ही विलुप्त होती प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है। वैसे आंकड़े बताते हैं कि इससे पूर्व भी कई अवसरों पर इस प्रजाति के सीलों की ऐसी मौतें हुई है। वर्ष 2012 से ही कभी कभार ऐसा होने की सूचना दर्ज है। पिछले वर्ष यानी दिसंबर 2021 में भी अनेक सील इसी तरह मरने के बाद तटों पर आ गये थे।

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