गुजरात में शायद इतने दिनों बाद भारतीय जनता पार्टी सही चुनौती का सामना करना पड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमनाथ मंदिर में पूजा करने के बाद अपना चुनाव प्रचार जिस तरीके से प्रारंभ किया है, इससे साफ है कि वह इस मामले मे जरा सी भी ढील देना नहीं चाहते। इसी तरह पूरी भाजपा ने इस राज्य में अब पूरी ताकत लगा दी है।
दूसरी तरफ हिमाचल नहीं जाने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी अपनी भारत जोड़ो यात्रा के बीच ही गुजरात आ रहे हैं। पहली बार इस मैदान में अपनी गारंटियों के सहारे मैदान में आयी आम आदमी पार्टी ने भी माहौल को अपने पाले में करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कुल मिलाकर पहले चरण की सीटों पर नामांकन और नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ लिया है।
गुजरात की सत्ता पर काबिज होने के लिए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के साथ ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी पूरा जोर लगा रही है। हर दल ने गुजरात में प्रचार के लिए अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है। नरेंद्र मोदी के अलावा राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल भी रोड शो कर अपने पक्ष में मतदान की अपील करने आये। इससे पहले श्री मोदी ने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन रविवार को कहा था कि लोकतंत्र के इस उत्सव को एक-एक नागरिक को मनाना चाहिए।
सोमनाथ मंदिर में दर्शन करके पूजा-अर्चना के बाद वेरावल में जनसभा को गुजराती में संबोधित करते हुए कहा कि सौराष्ट्र में एक प्रकार से यह मेरी पहली रैली है और वह भी सोमनाथ दादा की पवित्र धरती पर से। उन्होंने कहा इस बार का अपना लक्षांक अलग है भाई और लोगों से पूछा पूरा करोगे ना। इस बार पुराने रिकॉर्ड तोड़ने हैं। आप सभी कमल का बटन दबाएं ऐसा हम नहीं कहते परंतु मतदान आवश्यक है। लोकतंत्र के इस उत्सव को एक-एक नागरिक को मनाना चाहिए, मेरा आप सब को आग्रह है।
उन्होंने कहा कि लोकशाही रक्षा की जवाबदारी भी हमें ही निभानी है। सुशासन से गुजरात को प्रगति की नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए एक भी पोलिंग बूथ एसा ना हो जिसमें भाजपा का विजय ना हुआ हो। भाइयो भाजपा को जिताना है। इस बार हमें सभी पोलिंग बूथ जीत कर लोकशाही के उत्सव को मनाना है। सभी सर्वे करने वाले कह रहे हैं कि भाजपा की तो सरकार बनने वाली है। आप लोगों को अपने सारे काम का हिसाब देना वो मेरा कर्तव्य है। आप को भी अपना कर्तव्य निभाना है।
दूसरी मेरी इच्छा है कि नरेंद्र के सारे रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ें। उसके लिए नरेन्द्र काम करे। हमें पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ने हैं क्यों कि अपने गुजरात को प्रगति की राह पर ले जाना है। उसके लिए हमें जितनी मेहनत करनी पड़े करेंगे। गुजरात की जनता ने भाजपा को हमेशा आशीर्वाद दिया है। इस बार भी जनता आशीर्वाद देगी। उल्लेखनीय है कि राज्य के 33 जिलों की कुल 182 विधानसभा सीटों के लिये दो चरणों में चुनाव होगा।
राज्य के 89 सीटों पर पहले चरण में एक दिसंबर को तथा शेष की 93 सीटों पर पांच दिसंबर को चुनाव होगा। मतगणना आठ दिसंबर को और मतदान की प्रक्रिया दस दिसंबर को पूरी हो जाएगी। हिमचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव की मतगणना भी उसी दिन होनी है। पिछले 24 साल से गुजरात में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस रही है। पंजाब चुनाव जीतने के बाद इस बार आम आदमी पार्टी ने गुजरात में भी पूरी ताकत लगा दी है जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है और समीकरण बदलने के आसार दिख रहे हैं।
पहली बार यह एहसास हो रहा है कि कांग्रेस ने यहां बिना किसी शोर गुल के ग्रामीण इलाकों में अपना प्रचार पहले से किया था। दूसरी तरफ केजरीवाल की गारंटियों और दिल्ली में उनके प्रदर्शन के बाद पंजाब के चुनाव परिणामों से भी माहौल बदला हुआ दिख रहा है। यह सभी सत्तारूढ़ भाजपा के लिए रास्ता कठिन करने वाली बातें हैं। भाजपा के नहीं चाहने के बाद भी सोशल मीडिया के विस्तार की वजह से गुजरात के गांवों तक राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सूचना पहुंच चुकी है।
इसका असर विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा अथवा नहीं यह कह पाना कठिन है। इनसे अलग अरविंद केजरीवाल की जनसभाओं में जुट रही भीड़ से भी साफ है कि जनता अब नई बातों की जानकारी हासिल कर रही है। यूं तो चुनावी सर्वेक्षणों में अब भी मोदी अपनी लोकप्रियता के शिखर पर बताये जा रहे हैं। सर्वेक्षणों में भाजपा की जीत पर कोई संशय भी नहीं है। इसके बाद भी भाजपा को इतने दिनों बाद गुजरात में चुनौती मिल रही है, यह बात दिनोंदिन स्पष्ट होती जा रही है। उधर आम आदमी पार्टी के लिए इस राज्य के चुनाव से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना लगभग तय हो चुका है।